वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गया नगर निगम के मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान को राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से एक नोटिस भेजा गया है। जिसमें उन्हें 11 जुलाई को अभिलेख/दस्तावेज के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने कहा है कि या तो वे स्वयं या किसी अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हो सकते हैं। आयोग ने कहा है कि दो में से कोई एक ही उपस्थित हो सकते हैं। मामला मेयर प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक श्यामदेव पासवान द्वारा आयोग से की गई शिकायत से संबंधित है। श्यामदेव पासवान की लिखित शिकायत पर आयोग ने वाद संख्या 39/2023 श्यामदेव पासवान बनाम बीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान दर्ज कर लिया है। आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी( ओएसडी) की ओर से 6 जून को यह नोटिस जारी किया गया है।
जानें क्या कहा था पूर्व विधायक डॉ. श्यामदेव पासवान
बता दें कि पिछले दिनों पूर्व विधायक डॉ श्यामदेव पासवान ने शहर के एक निजी होटल में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर मेयर की जाति पर सवाल उठाया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि मेयर जिस जाति के प्रमाण पत्र पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित श्रेणी के पद(मेयर) के लिए चुनाव लड़े थे, उस जाति प्रमाण पत्र में उल्लेख की गई जाति से वे नहीं आते हैं। पूर्व विधायक अपनी शिकायत गया के जिला पदाधिकारी से भी की थी। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग में भी एक परिवाद दायर करने की बात प्रेस कांफ्रेंस में कही थी।
आयोग में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई
अब राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दायर वाद संख्या 39/23 के इसी मामले में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए आयोग की ओर से मेयर बीरेन्द्र कुमार उर्फ गणेश पासवान को नोटिस भेजकर 11 जुलाई को श्यामदेव पासवान द्वारा समर्पित अभिलेख/दस्तावेज के आधार पर अपना पक्ष रखने का मौका दिया है।
आयोग ने यह भी अपने निर्देश में कहा है
आयोग ने यह भी नोटिस में उल्लेख किया है कि यदि मेयर अपना पक्ष रखने के लिए निर्धारित तिथि को उपस्थित नहीं होते हैं तो आयोग के पास उपलब्ध कागजातों/अभिलेखों के आधार पर इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
नोटिस:अबतक अप्राप्त है, मिलता है तो पूरे साक्ष्य के साथ उपस्थित रहूंगा
इधर, गया नगर निगम के मेयर बीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान से इस संबंध में उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने बताया राज्य निर्वाचन आयोग से जारी हालिया नोटिस/निर्देश अप्राप्त है। यदि प्राप्त होता है तो साक्ष्य के साथ पेश होऊंगा। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी दो बार इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई गई थी, दोनों बार उन्हें क्लीन चिट दे दिया गया है।