देवब्रत मंडल

गया जंक्शन से खुलने वाली गया-नई दिल्ली महाबोधि एक्सप्रेस एवं गया-नई दिल्ली स्पेशल क्लोन एक्सप्रेस तथा गया-चेन्नई एक्सप्रेस के रेलवे कोच अटेंडेंट्स पिछले कई महीनों से वेतन की समस्या से जूझ रहे थे। शुक्रवार को कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर गया जंक्शन के न्यू कोचिंग कॉम्प्लेक्स(वाशिंग पिट) पर हंगामा किए थे। महाबोधि एक्सप्रेस एवं गया-नई दिल्ली क्लोन स्पेशल ट्रेन में काम करने नहीं गए थे। इसके बाद ठीकेदार तक बात पहुंची तो शनिवार को इन लोगों को वेतन का भुगतान किया गया। इसके बाद सभी कर्मचारी काम पर लौट आए।
इन कर्मचारियों का कहना था कि तुलसी इंटरप्राइजेज के संचालक दीपक सिंह उर्फ घंटी सिंह सिंह द्वारा ट्रेन का टेंडर लिए जाने के बाद से ही हमें वेतन नहीं दिया जा रहा था। जब एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर चले गए तो शनिवार को मैनेजर कृष्णा आए और सभी को वेतन का भुगतान किया गया। इसके बाद शनिवार को महाबोधि एक्सप्रेस एवं गया-नई दिल्ली क्लोन स्पेशल ट्रेन में कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है।
हालांकि इनकी अन्य और भी मांगें पूरी नहीं हुई है। जिसको लेकर कोच अटेंडेंट नाराज हैं। सबसे बड़ी सुरक्षा की मांग है कि यदि कोई दुर्घटना किसी भी कर्मचारी के साथ हो जाती है तो संवेदक जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।
इन कर्मचारियों के काम पर लौट आने से रेल प्रशासन ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार को किसी तरह कुछ कोच अटेंडेंट/ऑन बोर्ड सर्विस(सफाई कर्मचारी) से रेल प्रशासन ने काम चला लिया था।
यदि इन कर्मचारियों को आज वेतन(मानदेय) नहीं दिया जाता तो बड़ी समस्या हो सकती थी। ऐसे में कैरिज एंड वैगन विभाग के पदाधिकारियों ने पहल करते हुए कोच अटेंडेंट के बकाए मानदेय को उनके द्वारा किए गए कार्य के अनुसार भुगतान करवाया। इसके बाद मामला शांत हो गया और सभी काम पर लौट आए। मैनेजर कृष्णा ने बताया कि संवेदक दीपक सिंह उर्फ घंटी सिंह ने कर्मचारियों के मानदेय भुगतान करने का आदेश दिया और इन्हें भुगतान कर दिया गया है।