देवब्रत मंडल

गया जी के लिए 2 दिसंबर 2025 शुभ दिन है। सौभाग्यशाली भी और धन्य हैं गया जी के लोग। जिन्होंने नौंवी बार अपने विधायक के रूप में डॉ प्रेम कुमार को चुन कर बिहार विधानसभा को मर्यादित किया। विधानसभा के अध्यक्ष के आसन पर आसीन होने वाले डॉ प्रेम गया जी के पहले व्यक्ति बन गए हैं। गर्व और हर्ष दोनों के विषय हैं।
1990 के चुनाव के बाद पीछे नहीं देखा
डॉ. प्रेम कुमार का जन्म 1955 में हुआ। ये अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के चंद्रवंशी समुदाय से आते हैं। उन्होंने 1990 में पहली बार गया टाउन से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा और तब से लगातार नौ बार विधायक चुने गए हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बनें।
राजनीतिक सफ़र
- मंत्री पद: 2005‑2020 के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य, नगर विकास, कृषि, पर्यावरण व वन आदि कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे।
- नेता प्रतिपक्ष: 2015‑2017 तक बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला।
- अध्यक्ष पद: दिसंबर 2025 में बिहार विधानसभा के 18वें अध्यक्ष (स्पीकर) के रूप में निर्विरोध चुने गए।
शैक्षणिक व व्यक्तिगत पहलू
- मगध विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की है।
- राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए एक फार्मास्यूटिकल व्यवसाय में भागीदारी की थी।
जनता से जुड़ाव
सहयोगियों और गया जी के लोग कहते हैं, प्रेम कुमार “पहली पीढ़ी के राजनीतिज्ञ” हैं। जो अपने क्षेत्र के लोगों व मतदाताओं के लिए आसानी से उपलब्ध रहते हैं और साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में श्री कुमार न केवल विधानसभा के अध्यक्ष हैं, बल्कि पार्टी में वरिष्ठ नेता के रूप में भी कार्यरत हैं। उनके पास लगभग तीन दशकों से अधिक समय का विधायी अनुभव है, जो उन्हें इस शीर्ष पद के लिए उपयुक्त बनाया है।
…और अंत में
गया शहर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में इतने लंबे समय तक अपनी सीट पर काबिज होने वाले देश के दूसरे विधायक हैं। अब तक इन्होंने हार का मुंह नहीं देखा। जो इन्हें हराने की कोशिश में रहे हैं वे खुद ही हार जाते हैं।
