देवब्रत मंडल

गयाजी शहर के उत्तरी हिस्से में ऐतिहासिक गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम सह अस्पताल परिसर में स्थापित बापू की प्रतिमा को अपराधियों ने चुरा लिया है। स्थापित प्रतिमा को अपराधियों ने उखाड़ लिया। इनके बाद प्रतिमा लेकर भाग गए। घटना रविवार की देर रात हुई है। यहां के दरबान ने बताया कि रात को जब वे अस्पताल में गश्ती कर रहे तो पाया कि महात्मा गांधी की प्रतिमा नहीं है।

कुष्ठ रोगियों के द्वारा स्थापित की गई थी प्रतिमा
इस अस्पताल के अन्तरवासी मरीजों ने आपसी सहयोग से बापू की प्रतिमा स्थापित किया था। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 1974 को संगमरमर के पत्थर से निर्मित प्रतिमा स्थापित की गई थी। जिस जगह पर प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह अस्पताल का परिसर है। यहां के रोगियों ने बताया कि अन्तरवासी मरीजों के सहयोग से प्रतिमा स्थापित की गई थी।
दरबान की सूचना पर त्वरित संज्ञान नहीं लिया गया
इस अस्पताल के दरबान सुरेश बैठा ने बताया कि रात में उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। बारिश होने की वजह से अस्पताल में रात करीब 10 बजे के बाद पहुंचे। जब अस्पताल परिसर में गश्ती कर रहे थे तो देखा कि बापू की प्रतिमा अपनी जगह पर नहीं है। देखने से पता चला कि प्रतिमा को उखाड़ लिया गया है। परिसर में चारों ओर प्रतिमा की तलाश किया लेकिन नहीं मिला तो इसकी सूचना कंपाउंडर सुधीर कुमार को दी। जिन्होंने चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीव सुमन को फोन किया, परंतु डॉक्टर साहब फोन नहीं उठाए।

अवांछित लोगों का अस्पताल परिसर में लगा रहता जमावड़ा
सोमवार की सुबह जब महात्मा गांधी की प्रतिमा चोरी हो जाने की जानकारी लोगों को मिली तो सभी इस घटना को लेकर तरह तरह की बातें करने लगे। लोगों का कहना था कि इस अस्पताल में चोरी की घटना आए दिन होती रहती है। अवांछित लोगों का यहां जमावड़ा लगा रहता है। अस्पताल के लोग भय से किसी को कुछ नहीं कहते हैं।
कुष्ठ कल्याण समिति के लोगों ने जताई चिंता
बिहार राज्य कुष्ठ कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार मंडल ने कहा कि अभी वे बिहार से बाहर हैं। कुष्ठ रोगियों के द्वारा स्थापित प्रतिमा की चोरी कर लिए जाने की सूचना उन्हें समिति के लोग एवं आसपास के लोगों द्वारा मिली है। उन्होंने कहा कि यह घटना दुःखद होने के साथ साथ चिंता की बात है।उन्होंने जिला एवं पुलिस प्रशासन से मामले की जांच करते हुए चोरी गए महात्मा गांधी की प्रतिमा का पता लगाने के साथ अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
चिकित्सा पदाधिकारी ने फोन नहीं उठाया
इस अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव सुमन के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर इस घटना को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इधर, कर्मचारियों का भी यही कहना था कि घटना की जानकारी देने के लिए डॉक्टर साहब को रात में भी फोन किए थे लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।