मामला गया जी शहर में बागेश्वरी गुमटी पर आरओबी निर्माण का
देवब्रत मंडल

गया जी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में बागेश्वरी रेलवे समपार फाटक के उपर से रोड ओवर ब्रिज बनाने की घोषणा की थी। इस आरओबी के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है। ऐसे में प्रभावित रैयतों को अपनी बात रखने के लिए 28 जुलाई को बागेश्वरी मंदिर परिसर में स्थित सामुदायिक भवन में ‘जन सुनवाई’ हुई। जिसमें भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हो रहे रैयतों ने एकस्वर में कहा कि वर्तमान नक्शा गलत ही नहीं अवैध है और इस नक्शे के आधार पर आरओबी नहीं बनना चाहिए। क्योंकि इसके बन जाने से हम सभी बर्बाद हो जाएंगे। घर, मकान, दुकान, रोजी-रोजगार सबकुछ खत्म हो जाएगा। कई लोग बेघर हो जाएंगे तो अधिकांश लोगों के पास रोजी रोजगार नहीं रह जायेगा। इसलिए यहां पर पुल नहीं बनना चाहिए।
1914 के नक्शे को आधार बनाकर आरओबी पारित किया गया
शिव सागर गुप्ता, राजेश कुमार, प्रभु गुप्ता, दिलीप कुमार गुप्ता आदि ने कहा कि वर्तमान में आरओबी का नक्शा जो स्वीकृत किया गया है वो 1914 के राजस्व नक्शा के आधार पर तैयार किया गया है। जबकि वर्तमान स्वरूप को ध्यान में नहीं रख कर आरओबी के नक्शा को पारित कर स्वीकृति दे दी गई है। जिसे इन सभी ने गलत करार दिया।
इधर जन सुनवाई के लिए बुलाया गया और उधर टेंडर जारी
जनसुनवाई के दौरान शिव सागर गुप्ता ने कहा कि ये कैसा जनसुनवाई है। इधर हम रैयतों को अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया है और उधर सरकार आरओबी निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। ये तो सरासर गलत है। हम लोगों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा जब हम सभी शुरू से यहां पर पुल बनाने का विरोध करते हुए आ रहे हैं तो फिर टेंडर कैसे हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि बहुत जल्द ही इस आरओबी के निर्माण कार्य शुरू करने के लिए शिलान्यास करने की भी तैयारी है।
महिलाएं व व्यवसायियों ने भी रखी अपनी बात
जन सुनवाई में उपस्थित लोगों में कई महिलाएं भी थीं। जिन्होंने भी अपनी अपनी बात रखते हुए कहा कि किसी भी हाल में पुल नहीं बनना चाहिए। यदि पुल बन जाता है तो हम सभी बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं कई रैयतों का कहना था कि इससे हमलोग भूखे मर जाएंगे। वहीं व्यवसासियों ने भी अपनी अपनी बातों को रखा।
विकल्प के तौर पर अंडरपास बनाने की भी उठी मांग

कई रैयतों ने जनसुनवाई में मौजूद पदाधिकारियों से कहा कि पॉवरगंज-बागेश्वरी रोड के जमीन के नीचे से अंडरपास बना देने से हम सभी के घर, दुकान, रोजी रोजगार बच जाएंगे। इस पर पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता खुर्शीद करीम ने लोगों को बताया कि पहले तो अंडरपास बनना संभव नहीं है और यदि आप जो मांग कर रहे अंडरपास की तो इससे और भी ज्यादा हानि आप लोगों को होगी।
सर्वे रिपोर्ट पढ़कर लोगों को सुनाया गया, लाभ हानि की दी गई जानकारी
सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए अधिकृत की गई संस्था चित्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजमेंट, पटना के रिसर्च अफसर गोपेश कुमार ने जन सुनवाई शुरू करते हुए पूर्व में किए गए सर्वे रिपोर्ट को पढ़कर लोगों को सुनाया। जिसे लोगों ने ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने लाभ हानि के बारे में भी बताया। इसके बाद बारी बारी से रैयत अपनी बात कहते गए। जिसे संस्था द्वारा लिपिबद्ध किया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप सभी ने जो भी सुझाव एवं प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है। इसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर जिलापदधिकारी को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि आज आपकी बात सुने हैं और कल से काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत अभी कई चरणों से गुजरना पड़ता है।
अपर जिला भूअर्जन पदाधिकारी ने लोगों को किया आश्वस्त

जन सुनवाई में मौजूद एडीएलओ अशोक कुमार ने जमीन से संबंधित लोगों की समस्या और कागजातों के अद्यतन करने में आ रही परेशानियों को सुनने के बाद कहा कि इसके लिए सदर अंचलाधिकारी को विशेष शिविर आयोजित करने के लिए कहा जायेगा। शिविर के माध्यम से सारी समस्याएं दूर कराई जाएगी। वहीं अंचल कार्यालय में कथित रूप से नाजायज राशि मांगे जाने का भी मुद्दा लोगों ने उठाया। जिस पर एडीएलओ श्री कुमार ने कहा यदि कोई सरकारी कर्मचारी नजयज राशि की मांग करते हैं तो सीधे जिलापदधिकारी से मिलकर इसकी शिकायत करें।
जनसुनवाई में ये सभी पदाधिकारी व अन्य रहे उपस्थित
जन सुनवाई में अपर भूअर्जन पदाधिकारी अशोक कुमार, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता खुर्शीद करीम, प्रोजेक्ट अभियंता आकाश दीप, जेई अजय कुमार चौधरी, जेई प्रीति कुमारी, राजस्व पदाधिकारी, नीरज मंडल, अंचल अमीन विकास चौधरी, राकेश कुमार, चित्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना के रिसर्च अधिकारी गोपेश कुमार, रिसर्च सहायक पांडेय ऋषि राज, वार्ड पार्षद अनुपमा कुमारी के प्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार मंडल आदि सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।