देवब्रत मंडल

गया-आसनसोल पैसेंजर ट्रेन में 24 अक्टूबर को जहखुरानी की घटना के तार गया जंक्शन से जुड़ रहा है। जहरखुरानी की घटना के शिकार यात्री से पूछताछ शुरू कर दी गई है। पीड़ित यात्री गया जिले के मोहनपुर प्रखंड के सिंधुगढ़ थाना क्षेत्र के अम्बातरी के केवला गांव निवासी रितेश कुमार(24) पिता घनश्याम यादव का पुत्र हैं। पिता घनश्याम यादव ने बताया कि रविवार को गया जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक बनारसी यादव और इनके साथ कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आए और उनके पुत्र रितेश को अपने साथ गया ले गए। श्री यादव ने बताया कि आरपीएफ इंस्पेक्टर बनारसी यादाव ने उन्हें कहा कि पूछताछ के लिए रितेश को ले जाया जा रहा है।
रितेश का फर्दबयान धनबाद रेल थाना में दर्ज
धनबाद रेल थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि यहां के अस्पताल में रितेश का ईलाज कराया गया था। होश में आने के बाद उसका फर्द बयान लिया गया। इसके बाद अस्पताल से छुट्टी करवा कर उनके परिवार के लोग रितेश को अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया इस सम्बंध में शून्य एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्यवाही के लिए प्रक्रिया अपनाई गई है।
गया जंक्शन पर ठहरी हुई ट्रेन में चाय पीने के बाद बेहोश हो गया
धनबाद रेल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि रितेश ने बताया कि 22 अक्टूबर को मुंबई-हावड़ा मेल से चला। 24 की सुबह गया जंक्शन पर खड़ी गया-आसनसोल पैसेंजर ट्रेन में अपनी सीट पर बैठ गया। इसके बाद एक युवक उसके पास ही ट्रेन में बैठा। कुछ देर बाद चाय बेचने वाला आया। जिसने उसे चाय पीने के लिए दिया। चाय पीने के बाद उसे नींद आने लगी और उसके बाद जब होश आया तो पता चला कि वह अस्पताल में है। जबकि उसे पहाड़पुर स्टेशन पर ही उतरना था।
दो मोबाईल फोन, 15 हजार नकद और साड़ी, कपड़े गायब हो गया
थानाध्यक्ष ने बताया कि यात्री द्वारा बताए अनुसार उसके पास दो मोबाइल फोन, 15 हजार रुपये नकद व चार साड़ी व कुछ कपड़े जो पहनने के थे, वो गायब कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि रितेश के अनुसार चाय पिलाने वाले युवक ने ही उसे नशीली दवा चाय में मिलाकर दिया था और उसके बाद वह बेहोश हो गया था।
एक न्यूज चैनल के पत्रकार ने निभाया धर्म
सिटी लाइव के पत्रकार प्रेम कुमार गोमो जंक्शन से धनबाद जाने के लिए इस ट्रेन में सवार हुए थे। जिन्होंने बताया कि बोगी के अन्य यात्रियों ने उन्हें बताया कि यह युवक सीट पर गया जंक्शन से ही सोए हुए आ रहा है। तब उन्हें शक हुआ और इसकी सूचना धनबाद आरपीएफ और पुलिस को दी। जब ट्रेन धनबाद जंक्शन पर पहुंची तो सूचना के आधार पर मेडिकल की टीम के साथ आरपीएफ और रेल पुलिस ने ईलाज के लिए उसे ट्रेन से उतारा। पत्रकार ने सामाजिक सरोकार व सक्रियता दिखाई। नहीं तो शायद यात्री आगे किसी और स्टेशन तक चल गया होता।
रितेश के पिता अपने पुत्र के लौटने का कर रहे इंतजार
रविवार की सुबह जब पत्रकारों की एक टीम रितेश के घर पहुंची तो रितेश के पिता घनश्याम यादव और उनके घर वालों ने पत्रकारों से कहा कि उनके बेटा अभी पूरी तरह से स्वस्थ भी नहीं हुआ था और गया से आई पुलिस उसे अपने साथ पूछताछ करने के लिए ले गई है। रितेश के घर लौटने का इंतजार उनके परिजन कर रहे हैं।
