देवब्रत मंडल

जयवर्धन कुमार, संयोजक भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र, गया जिला कमिटी ने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का मंच देशव्यापी आम हड़ताल अब 9 जुलाई 2025 को आयोजित करेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र सेक्टोरल फेडरेशनों/संघों के संयुक्त मंच की बैठक 15 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें 20 मई 2025 को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल की तैयारी की समीक्षा की गई। इस बैठक में पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या और उसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में देश में उत्पन्न राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी विचार किया गया। इधर, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के गया इकाई के सचिव मुकेश सिंह ने कहा कि संयुक्त मंच ने 9 मई को जारी अपने बयान में पहलगाम में निर्दोष लोगों पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी। मंच ने सरकार से अपील की थी कि वह देश के भीतर इस संकट की घड़ी में नफरत फैलाने वाले अभियान चला रहे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। नेताद्वय ने बताया कि मीटिंग में देशभर में, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में, आतंकवाद और नफरत के खिलाफ कामगारों की एकजुटता और उनके सामूहिक विरोध को भी सराहा गया। देशभर में वर्तमान परिस्थितियों पर गंभीरता से विचार करने के बाद, देश के जिम्मेदार और देशभक्त नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त मंच ने देशव्यापी आम हड़ताल की तिथि को 20 मई से बढ़ाकर 9 जुलाई 2025 करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन और श्रमिकों, किसानों तथा आम जनता की अन्य जायज मांगों के हक में लिया गया है। यह भी तय किया गया कि 20 मई को सभी राज्य की राजधानियों, जिलों, औद्योगिक क्षेत्रों और कार्यस्थलों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इसीआरकेयू के वरिष्ठ नेता मिथलेश कुमार का कहना है कि ये अत्यंत दुखद है कि देश में आतंकवादी हमले और उससे उत्पन्न संवेदनशील स्थिति के बावजूद नियोक्ताओं का वर्ग, केंद्र और कई राज्यों की सरकारों के सहयोग से, श्रमिकों पर हमले जारी रखे हुए हैं। कार्य के घंटे एकतरफा रूप से बढ़ाए जा रहे हैं। वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा लाभों का उल्लंघन किया जा रहा है। विशेष रूप से संविदा श्रमिकों की छंटनी बेरोक-टोक की जा रही है। यह सब बदनाम श्रम संहिताओं को चुपके से लागू करने के प्रयास हैं। वहीं, बार-बार आग्रह करने के बावजूद न तो सरकार ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से मिलने की जहमत उठाई, न ही भारतीय श्रम सम्मेलन का आयोजन किया, जबकि देश के कोने-कोने से हड़ताल की नोटिसें दी जा चुकी हैं। इस पृष्ठभूमि में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र सेक्टोरल फेडरेशनों/संघों का संयुक्त मंच देशभर के कामगारों और उनकी यूनियनों से अपील किया है कि वे आम हड़ताल की तैयारियों को और तेज करें और 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल को ऐतिहासिक सफलता बनाएं। नेताओं ने भारत सरकार से मांग की है कि वह ट्रेड यूनियन आंदोलन के इस सकारात्मक रुख का सम्मान करे और श्रम संहिताओं सहित श्रमिकों की कामकाजी परिस्थितियों और अधिकारों से संबंधित अन्य जायज मुद्दों पर कोई भी एकतरफा और उकसावेपूर्ण कदम उठाने से परहेज करे। खासकर इस कठिन समय में जब पूरा देश होकर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है।