
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इमामगंज के जमुना मैदान में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब वह एनडीए गठबंधन के साथ ही रहेंगे और आगे से किसी पार्टी के बहकावे में आकर इधर-उधर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, “इमामगंज और गया से मेरा पुराना लगाव है। मैं गया आता-जाता रहता हूं, और यहां की जनता के लिए कई महत्वपूर्ण विकास कार्य पूरे किए गए हैं।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के सहयोग से गया और बोधगया में कॉरिडोर के निर्माण की योजना का उल्लेख किया और गया जिले में महिला आईटीआई, सभी अनुमंडलों में आईटीआई, पारा मेडिकल कॉलेज, और पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण की बात भी की। उन्होंने बताया कि 2005 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने राज्य में विकास कार्यों की दिशा में कई अहम कदम उठाए।
हिंदू-मुस्लिम एकता और शांति का मुद्दा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति खराब थी, और शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने से कतराते थे। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा हिंदू-मुस्लिम झगड़ों को रोकने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि “पहले, कुछ लोग मुसलमानों के वोट लेने के लिए साम्प्रदायिकता फैलाते थे, लेकिन हमने इस झगड़े को समाप्त कर आपसी भाईचारा को बढ़ावा दिया।” उन्होंने यह भी बताया कि मुसलमानों के लिए कब्रिस्तान की घेराबंदी और 60 वर्ष पुराने मंदिर के चारदिवारी का निर्माण जैसे कार्य भी किए गए।
शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं पर जोर

मुख्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल और सात निश्चय योजना पार्ट 2 के तहत कई योजनाओं का आंकड़ों के साथ विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अब हर महीने करीब 11 हजार मरीजों का इलाज हो रहा है और उन्हें मुफ्त दवाइयां भी दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जीविका योजना का भी जिक्र किया और बताया कि विश्व बैंक से लोन लेकर जीविका दीदी परियोजना को मजबूती प्रदान की गई है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं के लिए साइकिल, पोशाक, और छात्रवृत्ति की राशि उपलब्ध कराई है ताकि शिक्षा का स्तर सुधर सके और बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके।
डुमरिया से दिवाकर मिश्रा की रिपोर्ट