देवब्रत मंडल

मैं 04 अक्टूबर 2025 को गया जंक्शन से श्री खाटू श्याम जी का दर्शन के लिए पटना जाने वाली मेमू ट्रेन से सफर आरंभ किया था। यह ट्रेन गया जंक्शन से सुबह 6:00 बजे खुली थी। पटना जंक्शन से रात को आनंद विहार जाने वाली ट्रेन 02391 पटना-आनंद विहार में सफर शुरू किया। आनंद विहार से जयपुर जाने के लिए निकले। इस दौरान पूर्व मध्य रेल के डीडीयू, दानापुर रेल मंडल, उत्तर रेलवे के नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर, रींगस आदि स्टेशनों से होते हुए विभिन्न ट्रेनों में चलने वाले अवैध वेंडरों को देखा। जो ट्रेनों में अनाधिकृत रूप से खाद्य सामग्री बेखौफ बेचते हैं।

इनमें से कई वेंडरों ने बताया कि वे कथित ठीकेदार(गैर लाइसेंसी) को एक दिन का 400-500 रुपये दिया करते हैं। हमारा यह सफर कई महत्वपूर्ण स्टेशनों और लंबी दूरी की ट्रेनों में पूरा हुआ। वापसी में हम रींगस से दिल्ली कैंट स्टेशन उतरे। इसके बाद हम नई दिल्ली स्टेशन पहुंचे। नई दिल्ली से 04456 नई दिल्ली-धनबाद फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन से 09 अक्टूबर को गया जंक्शन तक की यात्रा पूरी की।
हर ट्रेन में अवैध वेंडर मुझे मिलते गए और सभी वेंडरों ने यही बात कही।

इस दौरान बाढ़(पटना जिले का एक रेलवे स्टेशन) के पास के रहनेवाले एक अवैध वेंडर से भी मुलाकात हुई। दरअसल, बाढ़ के रहने अवैध वेंडर के साथ इसलिए सेल्फी ली क्योंकि मैं भी बाढ़ अनुमंडल का मूल निवासी हूं। इनका नाम रामानंद पासवान है। जिन्होंने बताया कि वे अवैध वेंडिंग करते हुए अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। ऐसे सभी अवैध वेंडरों का जीवनयापन हो रहा है।

सवाल खड़े होते हैं कि आखिर भारतीय रेल के इसके अलावा कई हिस्सों में चलने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग के अवैध धंधे को आखिर चलवा कौन रहा है। लगभग सभी वेंडरों का कहना था कि रेलवे सुरक्षा बल की कृपा से ही हमलोग ट्रेनों में चला करते हैं।

आखिर यह गैरकानूनी तरीके से संचालित हो रहे संगठित आर्थिक अपराध(रेल राजस्व को चूना लगाना) को कैसे रोका जा सकता है। हालांकि कई रेल मंडलों में इसके लिए बजाप्ता लाइसेंस निर्गत किए जा रहे हैं लेकिन इस अवैध वेंडरों के कारण लाइसेंसी वेंडरों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है और साथ में लाइसेंस प्राप्त कर चुके फर्म के मालिकों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
हाल ही में एक शिकायत रेल मंत्रालय तक पहुंचाने वाले एस. इंटरप्राइजेज के संचालक सोनू साह द्वारा की गई थी। बावजूद इसके इस अवैध धंधे में शामिल लोगों के विरुद्ध कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिससे इस अवैध कारोबार पर पूर्णतया रोक लग सके। इस सफरनामा में हमने कई वीडियो बनाए हैं, जो magadhlive के लाइब्रेरी में सुरक्षित रखे गए हैं।