ट्रेन द्वारा लाई जा रही शराब और मादक पदार्थ के तस्करों पर कड़ी नजर, यार्ड और प्लेटफॉर्म पर की जा रही निगहबानी, AHTU को सशक्त बनाने की पहल

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

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पूर्व मध्य रेल के डीडीयू, धनबाद और दानापुर रेल मंडल के क्षेत्राधिकार से होकर चलने और गुजरने वाली ट्रेनों से शराब की अवैध तस्करी के धंधे में संलिप्त तस्कर और माफियाओं पर कड़ी नजर रखने की तैयारी शुरू कर दी गई है। विशेष कर झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे रेलवे स्टेशनों से अवैध शराब की बड़ी खेप भेजे जाने की सूचना रेल प्रशासन को प्राप्त हुई है। साथ ही मादक पदार्थ विशेष रूप से प्रतिबंधित नशीली पदार्थ गांजा की तस्करी की भी सूचना पर रेलवे सुरक्षा बल एवं रेल पुलिस को इस तरह के अवैध कारोबार में संलिप्त तस्कर और माफियाओं पर कड़ी निगरानी के लिए एक विशेष योजना के तहत रणनीति बनाई जा रही है। 

मानव तस्करी पर भी विशेष रूप से नजर

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मानव तस्करी और खास कर बाल श्रमिकों के एक राज्य से दूसरे राज्यों में भेजे जाने की सूचना पर रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस दिशा में किए गए अबतक के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए गृह मंत्रालय ने रेल मंत्रालय को विशेष रूप से वाहन और कैमरे के लिए राशि प्रदान किया है। पूर्व मध्य रेल के सभी मंडल को उनके जरूरत के अनुसार वाहन और कैमरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही मंडल सुरक्षा आयुक्तों को AHTU टीम को सक्रिय हो कर इस दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया गया है। 

शराब तस्करी पर निगहबानी के लिए टीम को और मजबूती से कार्य करने पर बल

रेलवे सूत्रों ने बताया कि ट्रेन द्वारा अवैध शराब की तस्करी पर विशेष नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन शराब तस्कर ‘तीसरी आंख’ से बचने के लिए अब नए प्रयोग करने की जुगत में जुट गए। बताया जाता है कि अब शराब तस्कर और इसके पीछे छिपे माफिया स्टेशनों पर शराब लेकर न उतारने के बजाय यार्ड में या रेलवे स्टेशनों के होम सिग्नल पर ही ट्रेन के रुकने पर शराब लेकर उतर जाने की कार्ययोजना तैयार कर लिया है। ऐसे में इन जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की योजना है।

गया जंक्शन पर कई बार पकड़ी जा चुकी है शराब और गांजा

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File photo

जहां तक डीडीयू मंडल के गया जंक्शन की बात है तो यहां सालों से शराब और प्रतिबंधित मादक पदार्थ गांजा पकड़ी जा चुकी है और गांजा भी। कई मामलों में इसके साथ तस्कर भी पकड़े गए हैं। विशेषकर उड़ीसा राज्य की तरफ से चलने वाली ट्रेनों में गांजे की तस्करी के मामले अबतक सामने आते रहे हैं। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से भी गांजे की तस्करी के कुछ मामले सामने आए हैं। वहीं दिन में गया से गुजरने वाली पूरी- नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से भी गांजे की तस्करी की गुप्त सूचना आरपीएफ एवं जीआरपी को मिली है। ऐसे में गांजे और शराब की तस्करी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम में बैठे पदाधिकारी को विशेष निर्देश

जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद होने वाली प्रत्येक गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां एक उपनिरीक्षक संवर्ग के पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था रेलवे सुरक्षा बल द्वारा की गई है। वहीं रेल थाना में जंक्शन के बाहर और अंदर की गतिविधियों पर ‘तीसरी आंख’ से नजर रखी जाती है। अपराध नियंत्रण से लेकर यात्रियों के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को कंट्रोल रूम के माध्यम से देख लिया जाता है और ऑन ड्यूटी आरपीएफ एवं जीआरपी की टीम संयुक्त रूप से त्वरित कार्यवाही शुरू कर देती है। ऐसे में कंट्रोल रूम में तैनात किए जाने वाले पदाधिकारी के दायित्वों को देखते हुए उन्हें निर्देशित किया गया है।

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