हमारे देश में शिक्षकों की परंपरा रही है। अगर गुरू वशिष्ठ नहीं होते तो राम का कोई अस्तित्व नहीं होता। अगर ऋषि संदीपन नही होते तो कृष्ण को आठों आयाम का ज्ञान नहीं होता। आज शिक्षकों का अपमान हो रहा है। फलस्वरूप शिक्षक अपना शिक्षकत्व को जाहिर नहीं कर रहे हैं। उक्त बातें शनिवार को बेलागंज के एक निजी शिक्षण संस्थान के उद्घाटन समारोह के दौरान लोजपा (आर) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह जहानाबाद के पूर्व सांसद डा अरूण कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य और समाज में गुरूजी और आचार्य जी की संस्कृति रही है। मगर दुर्भाग्य की बात है कि बिहार की वर्तमान सरकार शिक्षकों को मास्टरबा कहबाने का काम किया है।
शनिवार को बेलागंज के एक निजी शिक्षण संस्थान के उद्घाटन के मुख्य अतिथि रहे लोजपा (आर) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह जहानाबाद के पूर्व सांसद डा अरूण कुमार बिहार में बदहाल होती शिक्षा व्यवस्था को आड़े हाथों लेते हुए वर्तमान सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय से विश्व भर में शिक्षा का आधार शिला रखा गया था। आज उसी प्रदेश में शिक्षा और शिक्षकों की हालत गंभीर हो गई है। उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक नहीं करना था। मैं घर से ज्ञान का पुंज लेकर समाज में निकला था। मगर समाजिक परिवेश हमें राजनीतिक में घसीट लाया। पूर्व सांसद ने शिक्षण संस्थान के निदेशक सौरव कुमार को शुभकामना देते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में विद्वान की जरूरत नहीं होती है। यहां संस्कारवान की जरूरत होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता भूतपूर्व मुखिया सह कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष रामविनय सिंह और संचालन जितेंद्र कुमार ने किया। कार्यक्रम को पेंशनर समाज के प्रखंड सचिव शंभू शरण शर्मा, पूर्व शिक्षक सियाशरण सिंह आदि लोगों ने भी संबोधित किया। मौके पर युवा समाजिक कार्यकर्ता रंजेश कुमार, शिक्षक मनोज कुमार, भाजपा नेता अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षाप्रेमी और गणमान्य उपस्थित थे।