देवब्रत मंडल


साहेब यह गया जंक्शन है। यहां कोई किसी को देखने वाले नहीं। सब अपने में व्यस्त हैं। कब, कहां और किसके साथ क्या हो रहा है, इसे देखने की शायद किन्हीं को फुर्सत नहीं। फुर्सत मिले तब तो इन चीजों को देखे, कारण कि सभी अपनी अपनी “ड्यूटी” में व्यस्त हैं। व्यस्त होना ही चाहिए क्योंकि नौकरी जो करना है, तभी तो सरकार वेतन देगी।
पुराने वाले साहेब के नाम का प्लेट अबतक लगा ही है
इस खबर के साथ तीन तस्वीरों को ध्यानपूर्वक देखें। एक तस्वीर गया रेल पुलिस अंचल कार्यालय की है। यहां लगे नेम प्लेट पर नजर डालेंगे तो समझ जाएंगे कि क्या गलती हो रही है। खैर! आम यात्रियों को क्या पता कि वर्तमान में कौन से साहेब इस पद पर हैं लेकिन इनके अधीनस्थ को तो इसका ख्याल रखना चाहिए था। दरअसल, सुशील कुमार अब डीएसपी बन चुके हैं और इनका यहां से स्थानांतरण हो चुका है लेकिन नेम प्लेट उन्हीं का लगा हुआ है। जबकि इनकी जगह पर सौम्य प्रियदर्शी पदभार ग्रहण कर चुके हैं। पदभार ग्रहण करने के कई दिनों बाद भी नेम प्लेट में परिवर्तन नहीं हुआ। अब इसके लिए किन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए।
यहां लग रहे ऑटो रिक्शा को देखने वाला मानो कोई नहीं
दूसरी तस्वीर प्लेटफॉर्म नंबर 1/सी के सामने लगे ऑटो रिक्शा की है। यहां कोई स्टैंड नहीं है लेकिन एकबारगी से कई ऑटो रिक्शा यहां लगे रहते हैं। जिसे देखने वाले मानो कोई नहीं। जबकि बगल में ही आरपीएफ का पोस्ट है और आरपीएफ के सहायक कमांडेंट का कार्यकाल भी चलता है। लेकिन बेतरतीब और अवैध रूप से थ्री व्हीलर की पार्किंग होती है। यात्रियों को यहां से गंतव्य स्थान पर पहुंचाया जाता है और रेलवे स्टेशन तक यात्रियों को लाया भी जाता है लेकिन क्या मजाल की इसे कोई रोक दे।
तीसरी तस्वीर की कहानी
तीसरी तस्वीर शौचालय सह स्नानागार की है जो शनिवार से चालू हो गया है। आज इसका विधिवत रूप से उद्घाटन किया गया है। इस जनसुविधा के बहाल हो जाने से यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ रहा है। इसके पहले सर्कुलेटिंग एरिया में संचालित हो रहे डीलक्स शौचालय सह स्नानगृह को बंद कर दिया गया था। अब इस बंद हो चुके शौचालय सह स्नानागार को तोड़ने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। संभावना है कि अगले दो तीन दिनों में तोड़ दिया जाएगा और इसके बाद इस स्थान पर रोड बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
