— गुरुकुल संस्थान ने फिर दिखाया कि शिक्षा ही है सच्चा परिवर्तन
गया | मगध लाइव डेस्क
नक्सल प्रभावित फतेहपुर प्रखंड की धरती से निकली दो आवाज़ें आज बिहार पुलिस के शौर्य में शामिल हो चुकी हैं। गुरुकुल संस्थान के दो होनहार विद्यार्थियों का चयन बिहार पुलिस में हुआ है, जिससे गया जिला ही नहीं, पूरे मगध क्षेत्र में उत्साह और गौरव की लहर दौड़ गई है।
दलित समाज की बेटी बनी प्रेरणा: फूलमंती कुमारी की ऐतिहासिक सफलता

गुरुकुल की छात्रा फूलमंती कुमारी, पिता राजेंद्र मांझी, आज गोपालगंज जिला पुलिस में पदस्थापित हुई हैं। फूलमती फतेहपुर प्रखंड की पहली दलित लड़की हैं, जिन्होंने बिहार पुलिस में चयनित होकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा की मिसाल कायम की है। गंभीर आर्थिक तंगी के बावजूद, फूलमती ने कभी हार नहीं मानी। गुरुकुल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने साबित कर दिया कि हौसलों की कोई जात नहीं होती।
चरका पत्थर के नीतीश कुमार ने भी दिखाया हौसला
दूसरे चयनित विद्यार्थी हैं नीतीश कुमार, जो फतेहपुर प्रखंड के चरका पत्थर गांव से आते हैं। बेहद ही साधारण और गरीब परिवार से आने वाले नीतीश ने अपनी मेहनत से वह कर दिखाया, जो आज हजारों युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुका है।
जहां जंगल था, वहां बना गुरुकुल: नरेश भारती की क्रांतिकारी पहल

इन दोनों विद्यार्थियों की सफलता की जड़ें जुड़ी हैं रंगूनगर गांव के उस गुरुकुल से, जिसकी नींव वर्ष 2011 में नरेश भारती ने रखी थी। फतेहपुर प्रखंड के कठिन और नक्सल प्रभावित इलाक़े में, उन्होंने जंगल झाड़ियों को साफ कर गुरुकुल की स्थापना की — वह भी तब, जब समाज में शिक्षा से भटके युवाओं की एक पूरी पीढ़ी भटकाव का शिकार थी।
शुरुआत में नरेश भारती ने मनहोना गांव से ऐसे युवाओं को लाकर पढ़ाई शुरू कराई जो मजदूरी कर रहे थे।
- रोहन पासवान कोडरमा में अभ्रख चुनता था,
- गोरे कुमार कोलकाता में ऑटो चलाता था,
- अरविंद कुमार को चाय दुकान में मजदूरी करनी पड़ती थी —
इन सभी को नरेश भारती ने शिक्षा की राह पर वापस लाया।
गुरुकुल: एक संस्थान नहीं, सामाजिक क्रांति की प्रयोगशाला

आज जब गुरुकुल के दो छात्र बिहार पुलिस का हिस्सा बने हैं, तो यह जीत केवल एक परीक्षा की नहीं, बल्कि उस विचारधारा की है जो मानती है कि शिक्षा ही सच्ची बराबरी की चाबी है।
गुरुकुल के निदेशक श्री नरेश भारती ने कहा,
“हमारे यहां पढ़ाई सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, यह पहचान और आत्मविश्वास लौटाने का अभियान है। फूलमंती और नीतीश की सफलता आने वाले सैकड़ों बच्चों की दिशा तय करेगी।”
मगध लाइव की ओर से सलाम उस जुनून को…
मगध लाइव इन दोनों विद्यार्थियों को सलाम करता है, जिन्होंने अभाव में भी अपने सपनों को मरने नहीं दिया।
हम गुरुकुल परिवार और विशेषकर श्री नरेश भारती को भी बधाई देते हैं, जिन्होंने यह साबित किया कि सच्चा परिवर्तन बंदूक से नहीं, किताब से आता है।