देवब्रत मंडल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) रेल मंडल में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। रेलवे बोर्ड ने 29 मार्च 2025 को जारी अपने नए आदेश में डीआरएम राजेश गुप्ता को हटाते हुए उनकी जगह उदय सिंह मीणा को नया मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) नियुक्त किया है। यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब मंडल हाल ही में पेपर लीक कांड और सीबीआई की छापेमारी से चर्चा में रहा था। हालांकि, रेलवे के कुछ अधिकारियों ने इस तबादले को महज रूटीन प्रक्रिया बताया है।
दो साल का कार्यकाल पूरा, फिर भी चर्चाओं का बाजार गर्म

राजेश गुप्ता ने 10 मार्च 2023 को डीडीयू मंडल के डीआरएम का पदभार संभाला था। 1992 बैच के भारतीय रेल सिग्नल इंजीनियर सेवा (आईआरएसएसई) अधिकारी गुप्ता ने अपने करियर की शुरुआत सहायक मंडल सिग्नल व टेलीकॉम इंजीनियर के रूप में की थी। थापर इंस्टीट्यूट से गोल्ड मेडलिस्ट गुप्ता ने रेलवे बोर्ड के ट्रांसफॉर्मेशन सेल और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) में जीएम जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल में यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देने की कोशिश की गई, लेकिन इसी बीच मंडल में एक बड़ा विवाद भी सामने आया।
पेपर लीक कांड और सीबीआई की कार्रवाई
पिछले दिनों डीडीयू मंडल में चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर की आंतरिक परीक्षा से ठीक पहले पेपर लीक का मामला सामने आया था। सीबीआई को मिली शिकायत के बाद छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ। जांच में दो शाखा प्रमुखों, 19 लोको पायलटों, चार कर्मचारियों और एक सेवानिवृत्त कर्मी सहित कुल 26 लोग गिरफ्तार किए गए। इनमें वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) सुशांत पराशर और वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार जैसे बड़े नाम शामिल थे। आरोप है कि परीक्षा पास कराने के लिए रिश्वत ली गई थी। सीबीआई ने छापेमारी में आरोपियों के घरों और कार्यालयों से 1.17 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए। इस घटना ने मंडल में हड़कंप मचा दिया था।भ्रष्टाचार के मामले में लोको पायलट, अधिकारियों- कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ आरोपितों के बैंक अकाउंट खंगाल रही है। सीबीआइ की टीम ने पिछले दिनों रेल मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों के बैंक खातों की जांच भी की थी। आठ सदस्यीय टीम पीडीडीयू नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक पहुंची थी और सैलरी अकाउंट का स्टेटमेंट निकाला। जांच में यह बात सामने आई थी कि गिरफ्तार वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) सुशांत पराशर छः माह से अपने वेतन के खाते से एक पैसा भी नहीं निकाला था।
भ्रष्टाचार के मामले में लोको पायलट, अधिकारियों- कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ आरोपितों के बैंक अकाउंट खंगाल रही है। सीबीआइ की टीम ने पिछले दिनों रेल मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों के बैंक खातों की जांच भी की थी। आठ सदस्यीय टीम पीडीडीयू नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक पहुंची थी और सैलरी अकाउंट का स्टेटमेंट निकाला। जांच में यह बात सामने आई थी कि गिरफ्तार वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) सुशांत पराशर छः माह से अपने वेतन के खाते से एक पैसा भी नहीं निकाला था।
तबादले पर क्या कहते हैं अधिकारी?
सीबीआई की कार्रवाई के बाद राजेश गुप्ता के तबादले की अटकलें तेज हो गई थीं। मंडल मुख्यालय पर रेलकर्मियों ने धरना-प्रदर्शन भी किया और अधिकारियों पर आरोपों की बौछार लगाई। हालांकि, पूर्व मध्य रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘मगध लाइव’ को बताया कि गुप्ता का तबादला उनके दो साल के कार्यकाल पूरा होने के कारण हुआ है और इसका सीबीआई की रेड से कोई संबंध नहीं है। अधिकारी के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने एक साथ कई मंडलों में नए डीआरएम की नियुक्ति की है, जिसमें उदय सिंह मीणा की डीडीयू मंडल में तैनाती भी शामिल है।
उदय सिंह मीणा को कमान, गुप्ता की अगली जिम्मेदारी पर सस्पेंस
नए डीआरएम उदय सिंह मीणा जल्द ही पदभार ग्रहण करेंगे, तब तक राजेश गुप्ता अपने पद पर बने रहेंगे। गुप्ता को अभी तक नई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में उनके लिए नया आदेश जारी हो सकता है। दूसरी ओर, उदय सिंह मीणा की तैनाती को लेकर रेल महकमे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कर्मचारी और अधिकारी यह कयास लगा रहे हैं कि नया डीआरएम इस संकटग्रस्त मंडल में क्या बदलाव लाएगा।
चुनौतियों से भरा है डीडीयू मंडल का भविष्य
पेपर लीक कांड और भ्रष्टाचार के आरोपों ने डीडीयू मंडल की साख पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में उदय सिंह मीणा के सामने पारदर्शिता बहाल करने और कर्मचारियों के भरोसे को जीतने की बड़ी चुनौती होगी। रेलवे बोर्ड की नजर भी इस मंडल के प्रदर्शन पर बनी रहेगी। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि क्या नया नेतृत्व इस मंडल को विवादों से बाहर निकाल पाएगा या कहानी में और नया मोड़ आएगा।
फिलहाल, डीडीयू मंडल में बदलाव की बयार चल पड़ी है और सभी की निगाहें उदय सिंह मीणा के पहले कदम पर टिकी हैं।