देवब्रत मंडल

गया जी शहर के जाने माने एक चिकित्सक रविवार की रात गया जंक्शन पर पैसेंजर को ड्राप करने कार से आए थे लेकिन यहां पर उनसे पार्किंग शुल्क वसूल करने की कोशिश की गई। यहां तक कि कार पार्किंग के संवेदक द्वारा प्रतिनियुक्त कर्मचारी चिकित्सक के साथ बेअदबी से पेश आया। जिसकी शिकायत चिकित्सक ने रेल प्रशासन से की है। साथ ही इस घटना का वीडियो बनाते हुए सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया है। इसके बाद रेल प्रशासन इस घटना की जांच करने की बात कही है।
मामला जाने माने चिकित्सक डॉ. वैभव विकास से है जुड़ा
मामला गया जी शहर के जाने माने चिकित्सक डॉ वैभव विकास से जुड़ा है। जिन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए दिखाया है कि वे जब गया जंक्शन अपने परिवार को छोड़ने के लिए वाहन से आए थे तो संवेदक का कर्मचारी उनसे पार्किंग शुल्क की मांग कर रहा था। जिसका उन्होंने विरोध करते हुए कहा है कि पिक एंड ड्राप करने के लिए वाहन से आने वाले लोगों से पार्किंग शुल्क नहीं लेने का प्रावधान है। बावजूद उनसे शुल्क वसूली के लिए कर्मचारी ने दवाब डाला। साथ ही बेअदबी से उनके साथ पेश आया। चिकित्सक का आरोप यह भी है कि जो कर्मचारी उनसे उलझा था वह नशे में था।
चिकित्सक ने कहा-इसकी शिकायत ‘रेल मदद’ पर की है
इस संबंध में जब डॉ. वैभव विशाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने ‘रेल मदद’ पोर्टल पर पर की है। उन्होंने बताया कि उनके साथ कर्मचारी जबर्दस्ती करने की कोशिश की। जबकि पिक एंड ड्राप करने के स्टेशन आने वाले वाहनों से पार्किंग चार्ज लेने का प्रावधान रेल में नहीं है लेकिन कर्मचारी उनसे इस बात को लेकर उलझ गया।
जांच शुरू, संवेदक और आरोपी को उपस्थित होने को कहा गया
इधर, चिकित्सक की शिकायत के आलोक में संबंधित रेलकर्मी द्वारा इसकी जांच शुरू कर दी गई है। बताया गया कि जय माता दी नामक एजेंसी को गया जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में कार पार्किंग से शुल्क वसूली का आदेश है। जिसके लिए जगह मुहैया कराई गई। बताया गया है इस घटना की जानकारी संवेदक को देते हुए आरोपी कर्मचारी के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।
पूर्व में स्टेशन अधीक्षक के साथ भी हो चुकी है बकझक
बता दें कि पूर्व में गया जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक के साथ भी इस तरह की घटना हो चुकी है। जब स्टेशन अधीक्षक के वाहन से पार्किंग शुल्क जमा करने के लिए कर्मचारी ने दवाब डाला था तो इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंची थी। स्टेशन अधीक्षक के साथ रहे कर्मचारी ने जब संवेदक के कर्मचारी को बताया कि वाहन में लगे रेल प्रशासन के नमेप्लेट की ओर देखने के लिए इशारा करते हुए कहा कि ये स्टेशन अधीक्षक विनोद कुमार सिंह हैं। तब शुल्क नहीं लिया गया। यह घटना प्लेटफॉर्म नंबर 1/सी के पास हुई थी।
