देवब्रत मंडल

पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल के अधिकारी गया जी के मीडिया हाउस के लोगों से दूरी बनाए रखना चाहते हैं, आखिर ऐसा क्यों? ये सवाल यहां के मीडियाकर्मियों के मन में उठ रहे हैं। विशेषकर गया जी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को लेकर ये बात कही जा रही है।
यहां के मीडिया हाउस को न तो पूर्व में सूचना दी जाती है कि इस बार मेले में क्या क्या व्यवस्थाएं रेल प्रशासन की तरफ से की जा रही है और न तो पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों के आगमन पर और न तो डीआरएम द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण और यात्रियों की सुविधाएं मुहैया कराए जाने संबंधित जानकारी दी जाती है। ऐसे में विभिन्न मीडिया हाउस से जुड़े लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी दूरी क्यों?
जबकि देखा जाए तो इस मेले को लेकर रेल अधिकारियों का बराबर यहां आना जाना लगा रहता है लेकिन मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मीडिया हाउस और सम्बंधित संस्थान को जितने परस्पर सहयोग की अपेक्षा की जाती है वो शून्य के माफिक है।
देखा जाए तो गया जी के जिला प्रशासन इस मेले को लेकर तीन महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं और इसकी जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से सभी मीडिया हाउस को समय समय पर दी जाती है लेकिन डीडीयू मंडल द्वारा ऐसी कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है।
हां! भारतीय रेलवे के बढ़ते कदम, ट्रेनों के परिचालन से संबंधित जानकारी प्रेस को उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 को लेकर क्या क्या सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है इसकी जानकारी डीडीयू मंडल के किसी अधिकारी द्वारा नहीं दी गई है। ऐसे तो पत्रकार किसी प्रेस विज्ञप्ति के मोहताज नहीं हुआ करते हैं, जो देखते हैं, उसी के अनुसार अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए स्वतंत्र हैं। गया जी जंक्शन पर भी कोई ऐसे व्यक्ति(पर्यवेक्षक) को मीडिया हाउस को जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। मंडल मुख्यालय में भी जिन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई होगी तो वे भी मीडिया से कुछ साझा नहीं कर रहे हैं।
अब 06 सितंबर से विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 शुरू हो रहा है जो 21 सितंबर तक चलेगा। परंतु अबतक एक भी बुलेटिन रेल की ओर से जारी नहीं किया जाना इस बात को दर्शाता है कि अधिकारी मीडिया हाउस से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
देखा जाए तो गया जी जंक्शन पर कई तरह के गैरकानूनी तरीके से कई चीजें देखने को मिलती है, जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर या फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया कभी कभार उठाते रहे हैं लेकिन, इसमें सुधार के बजाय और वृद्धि होती ही नजर आती है। ऐसे में मीडिया और स्थानीय प्रशासन के बीच जितना परस्पर सहयोग चाहिए वह नहीं मिल पाता है।
जबकि पूर्व मध्य रेल के अन्य कुछ रेल मंडलों से ऐसी शिकायत मीडिया हाउस के लोगों के सामने नहीं नहीं रही है तो फिर डीडीयू मंडल द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है, ये सवाल यहां के मीडिया पर्सन के मन में उठ रहे हैं।