बोधगया में अनोखा रक्षाबंधन: थाई महिला पर्यटक ने बौद्ध भिक्षु को बांधी राखी, दोनों में जुड़ा भाई-बहन का अनूठा रिश्ता

google-newsFollow Us On Google News

Follow Now

✍️दीपक कुमार

बोधगया: रक्षाबंधन, जो भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, अब केवल हिंदू धर्म का पर्व नहीं रह गया है। इस पवित्र पर्व का प्रभाव अब अन्य धर्मों के अनुयायियों के बीच भी देखा जा रहा है। बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में आज एक ऐसा ही अनूठा दृश्य देखने को मिला, जब एक थाई महिला पर्यटक ने रक्षाबंधन के मौके पर एक बौद्ध भिक्षु को राखी बांधकर भाई-बहन के इस अद्वितीय रिश्ते को निभाया।

थाई महिला पर्यटक ,भंते बोधानंद को राखी बांधते हुए

थाई महिला ने बोधगया में रक्षाबंधन पर्व पर बौद्ध भिक्षु को राखी बांध भाव-विभोर हुई

यह घटना तब घटी जब बोधगया महाबोधि मंदिर में भ्रमण कर रही थाई महिला पर्यटक ने कुछ हिंदू भक्तों को एक-दूसरे की कलाई में राखी बंधा देख जिज्ञासा व्यक्त की। भंते जी ने उसे रक्षाबंधन के महत्व और परंपरा के बारे में विस्तार से बताया। उसकी उत्सुकता को देखते हुए, बौद्ध भिक्षु भंते बोधानंद, जो बीटीएमसी से जुड़े हैं, ने उसे रक्षाबंधन पर्व के बारे में विस्तार से बताया। भंते जी ने समझाया कि यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और भाई द्वारा बहन की सुरक्षा की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

भंते बोधानंद की बातों से प्रभावित होकर, थाई महिला पर्यटक ने उनसे आग्रह किया कि वह उन्हें राखी बांधना चाहती हैं। भंते जी ने उसकी भावना का आदर करते हुए तुरंत ही राखी का प्रबंध कराया और खुशी-खुशी उसकी कलाई पर राखी बंधवाई।

भंते बोधानंद ,थाई महिला पर्यटक को राखी बांधते हुए

इस भावपूर्ण पल के दौरान, भंते बोधानंद ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए उस महिला को बहन के रूप में स्वीकार किया और उसके कलाई पर राखी बांधते हुए कहा, “अब हमारे बीच भाई-बहन के अटूट संबंधों की कड़ी जुड़ गई है, जिसमें एक-दूसरे की रक्षा और सम्मान का दायित्व भी शामिल है।”

यह अनूठा दृश्य देखने के बाद, महिला पर्यटक अत्यंत भावुक हो गईं और उनकी आंखों में खुशी के आंसू झलक उठे। बोधगया के इस ऐतिहासिक स्थल पर रक्षाबंधन का यह विशिष्ट समारोह न केवल भारतीय संस्कृति की महानता को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रेम और समर्पण की भावनाएं सभी धर्मों और संस्कृतियों में समान रूप से गहराई से व्याप्त हैं।

बोधगया का यह अद्वितीय पल इस बात का प्रतीक है कि भारतीय त्योहारों की महत्ता विश्वभर में फैली हुई है, और अब यह सीमाओं को पार कर अन्य संस्कृतियों और धर्मों के लोगों के दिलों को भी छू रही है।

google-newsFollow Us On Google News

Follow Now

Follow Us On Whatsapp channel

Join Now

Follow Us On Facebook

Join Now

Leave a Comment