देवब्रत मंडल

गया जंक्शन पर अंधेरगर्दी की बात है। जिसे देखने वाला मानो कोई नहीं। आए दिन यात्रियों को पिक अप करने या ड्रॉप करने वाले वाहनों के मालिक से या फिर चालकों से ठीकेदारी शुल्क वसूली की शिकायतें दर्ज हो रही है लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग रहा है।
पार्किंग शुल्क मांगे जाने पर भड़क गया युवक
ताजी घटना का संबंध दुबई में रहने वाले एक युवक से है। जो खुद को यूट्यूब पर (सोशल मीडिया) अपनी पोस्ट डालता है। जिसका नाम तबरेज़ मलिक है। जिसके साथ 13 नवंबर को गया जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रीमियम पार्किंग के संवेदक का एक कर्मचारी उलझ गया। पार्किंग शुल्क की मांग किए जाने पर तबरेज़ मलिक भड़क उठा।
नवादा से किराए के वाहन से आए थे गया जंक्शन
तुरंत वीडियो बनाने लगे। सोशल मीडिया पर उसने अपलोड कर दिया है। जिसने बताया कि वे अपने परिवार के नौ सदस्यों के साथ 12381 अप हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस से नई दिल्ली जाने के लिए दोपहर एक बजे के आसपास किराए के एक बोलेरो वाहन द्वारा नवादा जिले से गया जंक्शन आए थे। दिल्ली से वह दुबई के लिए निकल जाएगा। जिन्होंने बताया कि जब हम सभी वाहन से उतरने लगे तो संवेदक का एक आदमी पार्किंग शुल्क जमा करने को कहने लगा। जिसका उन्होंने विरोध किया।
आईडी प्रूफ मांगा तो स्कूटी सवार कर्मचारी भाग गया
तबरेज़ मलिक ने बताया कि जब उस व्यक्ति से कहा कि पिक एंड ड्रॉप का भारतीय रेल के किसी रेलवे स्टेशन पर पैसा(शुल्क) नहीं लेने का रूल है तो आप कैसे पैसे मांग रहे हो। इसके बाद जब तबरेज़ मलिक ने कर्मचारी से उसका आईडी प्रूफ मांगा तो स्कूटी सवार कर्मचारी भाग निकला।
इसके पहले एक चर्चित चिकित्सक ने की थी शिकायत
इसके पहले भी गया जी के एक चर्चित डॉक्टर वैभव विकास के साथ इसी प्रकार का वाक्या हुआ था। जिन्होंने रेल प्रशासन से इस बात की शिकायत की थी। बाद में पता चला कि चिकित्सक ने अपनी शिकायत वापस ले ली और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
यहां पर आए दिन होती है अवैध वसूली
इसके अलावा गया जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में दोपहिया वाहन से आने वाले लोगों से अवैध वसूली नो पार्किंग के नाम पर हो रही है। द्वितीय श्रेणी के टिकट बुकिंग कार्यालय के सामने(पश्चिम दिशा में) और गया जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 01 के प्रवेश मार्ग(वर्तमान) के बगल में में दोपहिया वाहन लगाने पर इसमें ताला(सिकड़) जड़ दिया जाता है। इसके बाद जब व्यक्ति बेचैन हो जाते हैं तो एक आदमी आता है और कुछ लेनदेन करने के बाद ताला खोल दिया करता है। उन्हें कोई रसीद नहीं दिया जाता है। ये आए दिन हो रहा है।
…और अंत में
नो पार्किंग के नाम पर अंधेरगर्दी आम बात हो गई है। शिकायत दर्ज होना अलग बात है लेकिन ऐसा हो नहीं, इसके लिए यहां आरपीएफ, जीआरपी और वाणिज्यिक विभाग के अधिकारियों को ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए उचित कार्रवाई की जरूरत है, अन्यथा गया जंक्शन से लोग अच्छा संदेश नहीं लेकर जाएंगे।
