
टिकारी संवाददाता: बाघ की खाल बरामदगी मामले में पकड़े गए टिकारी के दोनों तस्करों डुमरसन के अभिनव आनंद और अंदर किला के कुंदन कुमार पर वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत केस दर्ज किया गया है। बाघ की खाल के व्यापार करने के आरोप में दोनों को जेल भेज दिया गया है। केस की अनुसंधान की जिम्मेवारी वन विभाग के प्रक्षेत्र पदाधिकारी महेश प्रसाद को दी गई है। गया के वन प्रमंडल पदाधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि राष्ट्रीय एजेंसी वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (डब्लूसीसीबी) के इंस्पेक्टर ने सूचना दी थी कि गया में बाघ की खाल का सौदा होने वाला है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिलने के बाद एक टीम का गठन किया गया। टीम में जिला पुलिस की तकनीकी सेल, पुलिस बल, एसएसबी और वन विभाग के अधिकारी के अलावा डब्लूसीसीबी के इंस्पेक्टर शामिल थे। बुधवार की दोपहर टीम ब्लॉक मोड़ के पास पहुंची तो ऑल्टो कार में सवार लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने कार सवार दो लोग को पकड़ा और पूछताछ के बाद अंदर किला से काले रंग के बैग में छिपाकर रखे गए बाघ की खाल को बरामद किया गया।