ट्रेनों से अवैध रूप से लकड़ियों का परिवहन जारी, यात्रियों को होती है परेशानी,आरपीएफ की भूमिका संदिग्ध

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

image editor output image 2102542745 17629372320039011764736897718213 ट्रेनों से अवैध रूप से लकड़ियों का परिवहन जारी, यात्रियों को होती है परेशानी,आरपीएफ की भूमिका संदिग्ध
13305 अप धनबाद-गया इंटरसिटी एक्सप्रेस

पूर्व मध्य रेल के गया-कोडरमा ग्रन्डकोर्ड रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेनों में अवैध रूप से जंगली लकड़ियों का परिवहन निर्बाध रूप से जारी है। कोच के गेट से लेकर यात्रियों के आने जाने वाले रास्ते पर लकड़ियों के गट्ठर इस कदर रख दिए जाते हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है।

यात्री बेचारे होकर मुंह तक नहीं लगाते हैं इनसे

यात्री बेचारे बने रहते हैं, कोई प्रतिकार करते हैं तो लकड़ियों की ढुलाई करने वाले माफिया मुंहतोड़ जवाब देते हैं। यहां तक की उन्हें धमिकयां भी देने से ये लोग गुरेज नहीं करते। ऐसे में यात्री चुप लगा देना ही उचित समझते हैं। ऐसे लोगों से उलझने से डरते हैं।

गुरपा स्टेशन के आसपास लोड कर दी जाती है लकड़ियां

बुधवार को 13305 धनबाद-गया इंटरसिटी एक्सप्रेस के एक कोच में एक महिला अवैध लकड़ियां गुरपा स्टेशन के आसपास लोड कर दी। कई और थे जो कोच में लकड़ी चढ़ा रहे थे लेकिन आरपीएफ कहीं भी नजर नहीं आए। कुछ यात्रियों ने बताया इनकी मिलीभगत से ही यह अवैध कारोबार फल फूल रहा है। ये लोग (आरपीएफ) चाह लें तो एक दिन भी लकड़ी ट्रेन में नहीं चढ़ पायेगा।

पूर्व में हुई थी कार्रवाई, लेकिन कुछ समय बाद फिर जारी

इसी वर्ष कुछ माह पहले ट्रेनों में अवैध लकड़ियों के परिवहन की शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंची थी तो त्वरित कार्यवाही हुई। केवल दिखावे के लिए ही कहा जा सकता है कि लकड़ियां जब्त की गई लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इस रेलखंड के दैनिक यात्रियों का कहना है कि ये तो रोज का धंधा है। कोई रोकने वाला नहीं है।

प्रतिदिन लाखों की लकड़ियों का होता है परिवहन

इधर रेलवे सूत्रों का कहना है कि इन अवैध कारोबार से जुड़े माफियाओं से रेलवे सुरक्षा बलों के मधुर संबंध स्थापित हैं। यही वजह है कि बगैर किसी रोक टोक के निर्भय होकर ये सभी प्रतिदिन लाखों रुपये की लकड़ी गुरपा वन क्षेत्रों से काटकर बाजार में बेचने के लिए लाते हैं।

अवैध शराब का भी होता है परिवहन लेकिन कार्रवाई शून्य

दैनिक यात्रियों की माने तो केवल लकड़ियों का ही अवैध परिवहन ट्रेन से नहीं हो रहा है, बल्कि झारखंड से अवैध शराब भी बिहार(गया जी) में लाए जा रहे हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं। विशेषकर देसी शराब का परिवहन भारी मात्रा में होते हैं। जो शहीद ईश्वर चौधरी हाल्ट, मानपुर स्टेशन के आसपास उतार लिया जाता है।

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