गया के सूर्य मंदिर घाट पर छठ महापर्व: प्रशासनिक उपेक्षा के बावजूद स्थानीय लोगों का बड़ा योगदान

Deepak Kumar
4 Min Read

देवब्रत मंडल

गया नगर निगम के अंतर्गत वार्ड नंबर 05 स्थित सूर्य मंदिर, गोविंदपुर में छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ती है। निगम क्षेत्र ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में व्रती यहां निर्मित तालाब में सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित करने आते हैं। छठ पर्व के इस पावन मौके पर यहां की व्यवस्था में निगम और प्रशासन का अपेक्षित सहयोग तो नहीं मिलता, लेकिन स्थानीय लोग पूरे समर्पण के साथ व्यवस्था को संभालने का जिम्मा उठाते हैं। चाहे पार्किंग की व्यवस्था हो या घाट की सफाई—हर मोर्चे पर स्थानीय लोग ही आगे बढ़कर योगदान देते हैं।
रामशिला-प्रेतशिला मार्ग पर स्थित यह घाट प्रशासन की नजरों से ओझल रहता है। नगर निगम की ओर से यहां सफाई व्यवस्था के लिए सीमित संख्या में कर्मचारी लगाए जाते हैं, जबकि वास्तविक आवश्यकता कहीं अधिक है। यहां तक कि वार्ड नंबर 04 के सफाईकर्मियों को भी विशेषतः सूर्य मंदिर घाट की सफाई में लगाना पड़ता है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी अवलोकन के लिए तो आते हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। न ही नगर निगम के वरिष्ठ पदाधिकारियों, मेयर, या डिप्टी मेयर का यहां आना होता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस घाट को प्रशासनिक रूप से उपेक्षित माना जा सकता है।

प्रशासनिक अनदेखी पर उठ रहे सवाल

रामशिला-प्रेतशिला मार्ग पर स्थित यह घाट प्रशासन की नजरों से ओझल रहता है। नगर निगम की ओर से यहां सफाई व्यवस्था के लिए सीमित संख्या में कर्मचारी लगाए जाते हैं, जबकि वास्तविक आवश्यकता कहीं अधिक है। यहां तक कि वार्ड नंबर 04 के सफाईकर्मियों को भी विशेषतः सूर्य मंदिर घाट की सफाई में लगाना पड़ता है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी अवलोकन के लिए तो आते हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। न ही नगर निगम के वरिष्ठ पदाधिकारियों, मेयर, या डिप्टी मेयर का यहां आना होता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस घाट को प्रशासनिक रूप से उपेक्षित माना जा सकता है।

स्थानीय लोगों का सहयोग बना उम्मीद की किरण

प्रशासन की अनदेखी के बावजूद यहां के लोग अपनी सामर्थ्य से अधिक सहयोग करते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय लोग स्वयं व्यवस्थाओं को संभालते हैं। उनकी मंशा है कि नगर निगम और जिला प्रशासन का थोड़ा सहयोग मिल जाए, तो सूर्य मंदिर घाट को गया का सबसे विकसित और सुंदर छठ घाट बनाया जा सकता है।

प्रशासनिक सहयोग की आवश्यकता

वर्ष में दो बार मनाए जाने वाले छठ पर्व के दौरान यहां दूरदराज से श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन प्रशासनिक सुविधाओं की कमी खलती है। पर्याप्त पुलिस सुरक्षा और सुविधाएं यहां उपलब्ध नहीं कराई जातीं। यदि नगर निगम और प्रशासन इस घाट पर उचित ध्यान दें और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करें, तो सूर्य मंदिर घाट को गया का एक आदर्श छठ घाट के रूप में विकसित किया जा सकता है।

Share This Article
Follow:
Deepak Kumar – A dedicated journalist committed to truthful, unbiased, and impactful reporting. I am the Founder and Director of Magadh Live news website, where every piece of news is presented with accuracy and integrity. Our mission is to amplify the voice of the people and highlight crucial issues in society. "True Journalism, Unbiased News" – This is our core principle!
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *