टिकारी संवाददाता: लेह टैंक हादसे में शहीद हुए भारतीय सेना की 71 इंजीनियरिंग रेजिमेंट के वीर सपूत सूबेदार संतोष कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव परैया के अमोखर में किया गया। जैसे ही तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, चारों ओर गमगीन माहौल में ‘संतोष कुमार अमर रहें’ के नारे गूंज उठे।
मोरहर नदी के अस्मशान घाट पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण, गणमान्य व्यक्ति और निजी व सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं चिलचिलाती धूप में सड़क किनारे खड़े रहे और पुष्प वर्षा करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी।
सूबेदार संतोष कुमार की पत्नी कनक कुमारी ने अपने पति के पार्थिव शरीर को कंधा देकर अंतिम यात्रा की अगुवाई की। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। वहीं, बड़े पुत्र शुभम ने उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद के पिता, पत्नी, और बच्चों की अश्रुपूरित आंखें देख वहां मौजूद लोगों का मन भावुक हो गया।
शहीद की पत्नी ने दी कंधा, बेटे ने दी मुखाग्नि
सूबेदार संतोष कुमार की पत्नी कनक कुमारी ने अपने पति के पार्थिव शरीर को कंधा देकर अंतिम यात्रा की अगुवाई की। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। वहीं, बड़े पुत्र शुभम ने उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद के पिता, पत्नी, और बच्चों की अश्रुपूरित आंखें देख वहां मौजूद लोगों का मन भावुक हो गया।
सेना ने दी अंतिम सलामी, गूंजे देशभक्ति के नारे

अंतिम संस्कार के दौरान सेना के जवानों ने शहीद को सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘संतोष कुमार अमर रहें’ के नारों से वातावरण गूंज उठा। लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गणमान्य लोगों ने दी श्रद्धांजलि
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए क्षेत्र के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। विधान पार्षद कुमुद वर्मा, गुरुआ विधायक विनय कुमार यादव समेत कई नेताओं ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। विधायक विनय कुमार यादव ने कहा, “सूबेदार संतोष कुमार का बलिदान क्षेत्र के लिए गर्व और गौरव का क्षण है। उनके बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। उनके परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी।”