देवब्रत मंडल
बिहार की राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद अब भी हावी हैं। चुनावी दौर में राजनीतिक दल इन मुद्दों का खास ध्यान रखते हुए टिकट बांटते नजर आते हैं। गया जिले के बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) [हम] ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

बेलागंज सीट से राजद ने जहानाबाद के सांसद डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, इमामगंज सीट पर हम पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को उम्मीदवार घोषित किया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दीपा मांझी को पार्टी का सिंबल सौंपा है।

गौरतलब है कि यह सीट खाली होने के बाद से ही रॉकी यादव के चुनाव लड़ने की अटकलें थीं, जो स्व. बिन्दी यादव के पुत्र हैं। लेकिन जदयू ने रॉकी यादव को टिकट न देकर उनकी मां मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाया है, जिससे यह स्पष्ट है कि जदयू भी परिवारवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हो सका। वहीं, इमामगंज से राजद ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की जगह रौशन मांझी को उम्मीदवार बनाया है।
इस बीच, जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर ने भी दोनों विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बेलागंज से मुस्लिम समुदाय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर खिलाफत हुसैन और इमामगंज से चिकित्सक डॉ. जितेंद्र को उम्मीदवार घोषित कर उन्होंने राजनीति में एक नया संदेश देने की कोशिश की है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद दोनों सीटों पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। जनसुराज की भागीदारी से इस उपचुनाव में नया संघर्ष उभरता दिख रहा है। आगामी वर्ष में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में यह उपचुनाव एक प्री-टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।