परम ज्ञान निकेतन: पीड़ित छात्र यश के पिता स्कूल प्रशासन से पहुंचे मिलने, कहा-न्याय के लिए मिलेंगे वरीय अधिकारियों से

Deobarat Mandal

देवब्रत मंडल

घटना के पीछे की वजह कुछ और है, यश के पिता ने बताई बात

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पीड़ित छात्र यश

गया शहर के माडनपुर मोहल्ले में संचालित परम ज्ञान निकेतन में पिछले दिनों छात्र यश की हुई बेरहमी से पिटाई के मामले में पीड़ित के पिता रंजन यादव मंगलवार को स्कूल प्रशासन से मिले। यहां उन्होंने अपने पुत्र यश के साथ शिक्षक, प्रिंसीपल द्वारा की गई कथित पिटाई के मामले में जानकारी प्राप्त की। श्री यादव ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल और आरोपी शिक्षक स्कूल में नहीं थे। उन्होंने बताया कि प्रभारी प्रिंसीपल उपेंद्र कुमार और अन्य शिक्षकों से मुलाकात हुई। घटना को लेकर बातचीत हुई। श्री यादव ने बताया कि प्रभारी प्रिंसीपल और अन्य शिक्षकों ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए यश की हुई पिटाई से संबंधित कई जानकारियां उपलब्ध कराया है।
श्री यादव के अनुसार यश ने स्कूल में कोई ऐसा बड़ा अपराध या बड़ी गलती नहीं की है, जिसको लेकर उसे बेरहमी से पिटाई की गई थी।

श्रीरामनवमी पूजा के दिन शिक्षक और छात्र यश के बीच हुई थी कहासुनी

उन्होंने बताया कि मामला स्कूल से नहीं जुड़ा हुआ है बल्कि स्कूल के बाहर श्रीराम नवमी पूजा के दिन के एक वाक्या से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि श्रीराम नवमी पूजा के दिन उन्होंने अपने पुत्र यश को पूजन सामग्री खरीद कर लाने के लिए मंगलागौरी में नेपाली नामक एक दुकानदार की दुकान पर भेजा था। उसी वक्त यश के स्कूल के एक शिक्षक शत्रुघ्न उर्फ गुड्डू सिंह यश को देखे तो उनके बेटे ने उन्हें प्रणाम किया। तब शिक्षक ने यश से पूछा कि इधर क्या करने आए हो? तब यश ने बताया कि पूजा का सामान लेने आए हैं। श्री यादव ने बताया कि उनके पुत्र ने उन्हें यह बात बताई थी कि शिक्षक श्री सिंह ने यश को कहने लगे कि हम जानते हैं कि तुम कितने बिगडैल हो और तुम्हारे पिताजी को भी अच्छी तरह से जानते हैं कि कितने अच्छे हैं(लांक्षण लगाने वाले भाव से)। इसी बात का जब यश को बुरा लगा तो यश ने शिक्षक से कहा कि आप हमारे पिताजी के बारे में गलत बातें नहीं कहें। पूजा का सामान लेने आए हैं या नहीं दुकानदार से पूछ लीजिए।

पूजन सामग्री के दुकानदार ने यश के पिता को किया था फोन

बकौल, रंजन यादव का कहना है कि जिस समय शिक्षक गुड्डू सिंह और हमारे पुत्र यश के बीच इसी बात को लेकर नोकझोंक व तीखी बहस चल रही थी तो दुकानदार नेपाली ने मुझे फोन कर बताया कि यहां दोनों उलझ गए हैं। श्री यादव ने बताया कि नेपाली के ही फोन पर अपने बेटे यश से बात की तो पूरा वाक्या बताया कि शिक्षक इस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उसी वक्त शिक्षक ने मेरे बेटे को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी कि स्कूल आना तो तुम्हें बताएंगे।

स्कूल में प्रार्थना के समय यश को प्रिंसिपल ने बुलाया था

श्री यादव ने बताया कि छुट्टी के बाद स्कूल जब खुला तो शनिवार के दिन स्कूल में प्रार्थना के समय में सतीश सर यश को ये कहकर प्रिंसीपल के पास ले गए कि सर तुम्हें बुलाए हैं। जब प्रिंसीपल के चैंबर में गए तो स्कूल के यूनिफॉर्म को लेकर सवाल किए कि आज के निर्धारित रंग का टीशर्ट पहन कर क्यों नहीं आए हो? तब मेरे बेटे यश ने बताया कि जिस ड्रेस की दुकान(वाटिका) में हमारे साइज का टीशर्ट नहीं था तो कुछ दिन बाद उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। आप चाहे तो वाटिका दुकान से पूछ सकते हैं।
इसके बाद उनके बेटे यश(दशवीं कक्षा का छात्र) को पहले लकड़ी के डंडे से पीटा गया और जब डंडा टूट गया तो पीवीसी पाइप से उसे बेरहमी से पिटाई की गई।
यश के पिता रंजन यादव ने बताया कि जब यश को पीटा जा रहा तो कुछ और शिक्षक प्रिंसिपल के कमरे के पास आए थे तो ऐसा करने से उन्हें मना भी किया गया था लेकिन किसी की सुनी नहीं गई।

जांच के लिए स्कूल नहीं पहुंचे हैं पुलिस पदाधिकारी, न्याय की उम्मीद

श्री यादव ने बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा विष्णुपद थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बाद कांड के अनुसंधान करने वाले पुलिस पदाधिकारी स्कूल में  जांच के लिए आजतक(15 अप्रैल) को मेरे स्कूल में रहने तक नहीं आए थे। उन्होंने बताया कि जांच पदाधिकारी से उनकी बात हुई है। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए वे पुलिस के वरीय अधिकारियों से भी बहुत जल्द मिलकर सारी बातें बताएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि निष्पक्ष जांच होती है तो उनके बेटे के साथ जो हुआ है, उन दोषियों पर कार्रवाई होगी और हमें न्याय मिलेगा।

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