देवब्रत मंडल

वेंडरों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करना जिम्मेदारी है
टाउन वेंडिंग समिति (टीवीसी) का गठन स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 की धारा 22 के तहत किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी (स्ट्रीट वेंडर) के व्यवसाय को विनियमित करना और उनकी आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसको लेकर इस कमिटी की बैठक माह में एक बार आयोजित करने का प्रावधान किया गया है लेकिन गया जी यह कमेटी मानो मजाक बनकर रह गई है। इस साल अबतक केवल एक बैठक हुई है और अगली यानी दूसरी बैठक दशहरा पर्व के बाद होने की सूचना है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर इन वेंडरों से अवैध वसूली करने की भी बात सामने आ रही है। वहीं वेंडर जोन के निर्धारण कर दिए जाने के बाद भी इन्हें जगह मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि पितृपक्ष मेला के पूर्व कुछ अस्थायी वेंडिंग जोन में दुकानों के लिए जगह निर्धारित किया गया है। स्थायी वेंडिंग जोन के लिए सर्वे भी हुए लेकिन दुकानें उन जगहों पर बनाकर नहीं दिए गए हैं। नतीजा स्ट्रीट वेंडर्स सड़कों के किनारे कहें या सड़क पर ही दुकान लगाने को विवश हैं। जिनपर बराबर “अतिक्रमण का डंडा” बजड़ता है।
इस साल अबतक केवल एकबार ही हुई बैठक
फुटपाथ दुकानदार संघ, गया जी के अध्यक्ष अमरजीत गिरि ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले 21 जुलाई को एक पत्र नगर आयुक्त सह टीवीसी के अध्यक्ष को देकर बैठक आहूत करने की मांग की थी लेकिन बैठक की तिथि तय नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि संबंधित पदाधिकारी से जब इस सम्बंध में बात हुई तो दशहरा पर्व के बाद 4 या 5 अक्टूबर को बैठक आहूत करने की बात कही गई है। अध्यक्ष श्री गिरि ने बताया इस वर्ष 7 फरवरी को टीवीसी की बैठक हुई थी। इसके बाद कोई बैठक नहीं हुई। जबकि प्राविधान है कि टीवीसी की बैठक प्रत्येक माह होना चाहिए ताकि फुटपाथ दुकानदारों की समस्याओं का हल बैठक में कराया जा सके।
गत बैठक में ये सभी सदस्य के तौर पर थे उपस्थित
टीवीसी की फरवरी महीने में संपन्न हुई बैठक में इन सदस्यों एसएसपी, टाउन डीएसपी, ट्रैफिक डीएसपी, सिविल सर्जन, जिला नियोजन पदाधिकारी, सदर एसडीओ, चैंबर ऑफ कॉमर्स, अग्रिणी जिला प्रबंधक, उप नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक, नगर मिशन प्रबंधक आदि की उपस्थिति दर्ज है। जबकि नगर आयुक्त पदेन अध्यक्ष हैं।
जानें इसके बारे में भी
टीवीसी में वेंडरों का प्रतिनिधित्व शामिल होता है और यह वेंडिंग ज़ोन के निर्धारण, वेंडर पंजीकरण और वेंडरों के हितों की रक्षा करने जैसे कार्यों की देखरेख करती है।
टाउन वेंडिंग समिति के मुख्य कार्य और उद्देश्य:
विनियमन और पंजीकरण: टीवीसी का कार्य वेंडिंग गतिविधियों को विनियमित करना और स्ट्रीट वेंडरों के पंजीकरण और वेंडिंग प्रमाणपत्र जारी करना है।
वेंडिंग जोन का निर्धारण: यह स्थानीय प्राधिकरण के साथ मिलकर वेंडिंग ज़ोन तय करती है, जहाँ वेंडर अपना व्यवसाय कर सकते हैं।
हितों का संरक्षण: टीवीसी वेंडरों के समुदाय से सदस्यों का प्रतिनिधित्व करती है और उनके अधिकारों की रक्षा करती है।
नीति निर्माण में भूमिका: यह वेंडिंग से संबंधित नीतियों के निर्माण और उनके कार्यान्वयन में भूमिका निभाती है।
शिकायत निवारण: टीवीसी के पास विवाद समाधान तंत्र होता है, जो विक्रेताओं से संबंधित शिकायतों को दूर करने का काम करता है।
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य:
शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए एक ऐसा अनुकूल वातावरण तैयार करना, जहाँ बिना किसी उत्पीड़न के वे अपनी आजीविका चला सकें। शहरी स्ट्रीट वेंडिंग का नियमन करना। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्ट्रीट वेंडरों के जीवन और आजीविका को सुरक्षित बनाना।
टाउन वेंडिंग समिति की संरचना:
अधिनियम की धारा 22 के तहत, टीवीसी में 40% सदस्य सीधे चुने गए रेहड़ी-पटरी वाले होते हैं, जो उनके समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। टाउन वेंडिंग समिति स्ट्रीट वेंडरों को व्यवस्थित करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके व्यवसाय के लिए एक सहायक वातावरण बनाने का एक महत्वपूर्ण निकाय है।