गया: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर कथित अत्याचार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुष्टिकरण नीतियों के विरोध में गया में आक्रोश मार्च निकाला। विष्णुपद मंदिर प्रांगण से शुरू हुआ यह मार्च चांदचोरा स्थित अहिल्याबाई चौक पर समाप्त हुआ, जहां ममता बनर्जी का पुतला दहन किया गया। इसके बाद, एक प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर गया के जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. नंदकिशोर गुप्ता और महानगर अध्यक्ष कृष्णकांत त्रिपाठी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंसा भड़काई जा रही है, जिसके चलते हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन न केवल निष्क्रिय है, बल्कि कई स्थानों पर दंगाइयों का सहयोगी बन रहा है। डॉ. गुप्ता ने कहा, “मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे बंगाल में फैल रही है। ममता बनर्जी पीड़ितों की मदद करने के बजाय उन इमामों से मिल रही हैं, जो हिंसा भड़काने की धमकी दे रहे हैं।”
विहिप और बजरंग दल ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल हैं:
- पश्चिम बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
- हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हवाले की जाए और दोषियों को सजा दी जाए।
- राज्य की कानून-व्यवस्था केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपी जाए।
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निष्कासित किया जाए, साथ ही बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी का काम शुरू किया जाए।
प्रदर्शन में प्रांत सह गौरक्षा प्रमुख रबींद्र राय, प्रांत प्रवर्तन प्रमुख प्रेम नाथ टाइयां, विभाग संगठन मंत्री सूरज प्रताप, महानगर मंत्री राजीव कुमार, सह-महानगर संयोजक गोलू कुमार, परशुराम बाबा, रूपल रौशन, अभिनय कुमार सिन्हा, शशांक कुमार सिंह, दीपक पांडे, राणा रंजीत, टिंकू गोस्वामी सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।