गया। ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA), गया में शनिवार को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल एंट्री) पुरुष एवं महिला के पहले बैच को भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में कमीशन प्रदान किया गया। इस अवसर पर आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड में 161 अधिकारी कैडेटों ने अंतिम कदम बढ़ाते हुए भारतीय सेना में प्रवेश किया।
भव्य पासिंग आउट परेड में दिखा सैन्य अनुशासन और पराक्रम

गर्व और अनुशासन से भरपूर इस परेड में SSC (टेक्निकल) पुरुष-62 कोर्स से 143 अधिकारी कैडेट्स और SSC (टेक्निकल) महिला-33 कोर्स से 18 अधिकारी कैडेट्स ने भाग लिया। परेड का नेतृत्व एकेडमी अंडर ऑफिसर शिवम मिन्हास ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को अत्यंत कुशलता और शौर्य के साथ संचालित किया।
लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी ने परेड की समीक्षा


इस गौरवशाली अवसर पर पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C), लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने कैडेट्स के जोशपूर्ण और अनुशासित सैन्य प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें भारतीय सेना की महान परंपराओं को बनाए रखने की प्रेरणा दी।
प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजे गए सर्वश्रेष्ठ कैडेट्स

इस अवसर पर उन अधिकारी कैडेटों को विशिष्ट पदक प्रदान किए गए जिन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान अनुकरणीय प्रदर्शन किया:
- स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और कांस्य पदक – शिवम मिन्हास (सर्वश्रेष्ठ कैडेट), सिख लाइट इन्फेंट्री की 11वीं बटालियन में कमीशन।
- स्वर्ण पदक – प्रनील शर्मा (ओवरऑल प्रथम स्थान), जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में नियुक्त।
- रजत पदक – दिग्विजय सिंह पंवार (ओवरऑल द्वितीय स्थान), कुमाऊं रेजिमेंट की 15वीं बटालियन में नियुक्त।
- चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर – गुरेज कंपनी (ओवरऑल चैंपियन कंपनी)।
युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पण

भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं के अनुरूप, कैडेट्स और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने OTA गया के युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी और OTA गया के कमांडेंट, लेफ्टिनेंट जनरल सुकृति सिंह दहिया, एसएम, वीएसएम, समेत अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बलिदानियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
पिपिंग सेरेमनी: गौरवशाली क्षण का साक्षी बना OTA

पासिंग आउट परेड के बाद आयोजित पिपिंग सेरेमनी में कैडेट्स के कंधों पर सितारे सजाए गए, जो उनके सैन्य अधिकारी बनने की यात्रा का अंतिम पड़ाव था। यह न केवल कैडेट्स बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक अत्यंत भावनात्मक और गौरवान्वित करने वाला क्षण था।
इस ऐतिहासिक दिवस पर अकादमी एडजुटेंट लेफ्टिनेंट कर्नल रविंदर सिंह ने सभी नए अधिकारियों को राष्ट्र सेवा की शपथ दिलाई। इस शपथ के साथ ही ये युवा सैन्य अधिकारी मातृभूमि की सेवा एवं रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से समर्पित हो गए।
भारतीय सेना में शामिल होने वाले इन नवोदित अधिकारियों को देश की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो आने वाले वर्षों में सेना की शक्ति और प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।