देवब्रत मंडल

कुछ अफवाहें। कुछ गलतफहमियां। कुछ राजनीति भी। इन तीनों के सम्मिश्रण से कोई तथ्यात्मक निर्णय लेने में पाठकों को कठिनाई होती है। magadhlive बागेश्वरी रेलवे गुमटी पर बनने जा रहे आरओबी को लेकर अपनी रिपोर्ट के माध्यम से अपडेट रखने का काम करती आ रही है। इस खास रिपोर्ट में जानेंगे कि क्या क्या अबतक इस आरओबी के निर्माण को लेकर हुआ है और आगे क्या क्या होना है।
प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब प्रगति यात्रा के क्रम में गया जी आए थे उस दिन उन्होंने कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई थी। जिसमें एक गया शहर के उत्तरी हिस्से में बागेश्वरी गुमटी पर आरओबी के निर्माण कराए जाने की घोषणा उन्होंने की थी।
प्रशासनिक स्वीकृति अल्प समय में मिल गई थी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब प्रगति यात्रा से वापस लौटे तो उन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को न केवल प्रशासनिक स्वीकृति दी बल्कि इस आरओबी के निर्माण पर आने वाली खर्च के लिए करीब 97 करोड़ रुपए की भी स्वीकृति प्रदान कर दिया गया। जिसके बाद जगह जगह इस परियोजना को लेकर होडिंग्स भी लगाए गए।
इस स्थान पर आरओबी का बनना तय
समय बीतते गए। आरओबी के निर्माण को लेकर प्रशासन अपनी प्रक्रियाओं को अमलीजामा पहनाने में लगे हुए हैं। पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता मुनीन्द्र ठाकुर कहते हैं-आरओबी का बनना तय है। विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
पुनः प्रकाशित की जाएगी निविदा
इस परियोजना को पूरा करने के लिए एक जिम्मेदार निर्माण एजेंसी की जरूरत है तो इसके लिए अप्रैल महीने में निविदा आमंत्रित की गई थी। कतिपय कारणों से निर्धारित समय तक कोई एजेंसी या संवेदक निविदा प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके। श्री ठाकुर बताते हैं फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण के लिए विभागीय प्रक्रिया जारी
इस आरओबी के निर्माण के लिए पॉवरगंज एवं बागेश्वरी रोड के दोनों किनारों की जमीन अधिग्रहण की जरूरत पुल निर्माण निगम को पड़ गए है। ऐसे में विभाग की टीम कई दिनों तक स्थल पर आकर सर्वे कर चुकी है। भू मालिकों को इत्तिला भी करा दिया गया है कि आप सबकी कितनी कितनी जमीन अधिग्रहण के दायरे में आने वाली है। जिसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौंप दी गई है। यहां से भू अर्जन पदाधिकारी के पास अधिग्रहण के आशय की जानकारी दी गई है।
पहले अधिग्रहण तब पुनः निविदा का होगा प्रकाशन
पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मुनीन्द्र ठाकुर ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की 40% प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ही पुनः निविदा आमंत्रित किया जाएगा। इनका कहना है कि टेंडर हो जाने के बाद कार्य करने को इच्छुक एजेंसी को निर्धारित समय सीमा में कार्य को आरंभ करते हुए पूरा करना होगा। ऐसे में भूमि पर जब तक विभाग द्वारा दखल कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता है तो एजेंसी अपना कार्य कैसे आरंभ कर सकेगी।
“आरओबी निर्माण की योजना कैंसिल या स्थगित कर दी गई है के सवाल पर अधिकारी का कहना है कि इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। आरओबी का बनना तय है। विभागीय और सरकारी स्तर से इसके निर्माण की दिशा में कार्य प्रगति पर है।“
मुनीन्द्र ठाकुर, कार्यपालक अभियंता, पुल निर्माण निगम, गया