देवब्रत मंडल

गया जी : शहर के उत्तरी हिस्से में बागेश्वरी रेलवे गुमटी के पास आरओबी के निर्माण कार्य को लेकर बुधवार को एक नया अपडेट आया। बुधवार को सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन(एस.आई.ए) करने के लिए एक टीम पावरगंज तथा बागेश्वरी रोड स्थित मकान मालिक एवं भूमि मालिकों से पूछताछ की। इस दौरान कई लोगों ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता एवं सहायक अभियंता एवं मूल्यांकन करने आई एक संस्था के लोगों के समक्ष अपनी अपनी जमीन के मालिकाना हक के बारे में जानकारी दी।
240 प्लॉट के मालिकों वाली सूची तैयार, लोग देखने लगे अपने अपने नाम
पॉवरगंज रोड स्थित कई मकानों के मालिकों ने सर्वे के बाद अद्यतन सूची में अपना अपना नाम देखना चाहा। पुल निर्माण निगम के अभियंताओं ने मिल रहे लोगों को आवश्यक जानकारियां दे रहे थे। बताया गया कि करीब 240 प्लॉट(भूस्वामियों) की सूची तैयार की गई है। इस सूची में दर्ज नाम के अनुसार उनके मालिकों ने अपनी बातें रखी।
टीम में शामिल अभियंताओं एवं सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन(सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट) करने वाली संस्था के लोग सभी को उनकी बातें सुनने के बाद संतोषप्रद जवाब और जानकारी दे रहे थे। यह टीम भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावित परिवारों का आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन करने पहुंची थी।
टीम ने कहा- किसी तरह का बदलाव तकनीकी या अन्य दृष्टिकोण से उचित नहीं

इसी बीच ये बात सामने आई कि कुछ लोग बागेश्वरी -पॉवरगंज रोड से आरओबी नहीं बनाए जाने तथा विकल्प के तौर पर रेलवे के मालगोदाम(पूर्व में कभी था) से बैरागी, जनता कॉलोनी मोहल्ले से होकर आरओबी बनाए जाने या फिर बागेश्वरी रेल फाटक के पास अंडरग्राउंड रास्ता बनाने को लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी को एक ज्ञापन दिया था। यह मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। जबकि टीम में शामिल पुल निर्माण निगम के अभियंता ने बताया कि अंडरग्राउंड बनाए जाने की मांग की जहां तक बात है तो यह तकनीकी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। जहां तक मालगोदाम-बैरागी-जनता कॉलोनी से होकर आरओबी बनाने की मांग की गई है तो इसमें इधर(पॉवरगंज-बागेश्वरी) मोहल्ले वालों से कहीं अधिक लोगों को नुकसान होगा।
लोगों ने कहा-दोहरे मापदंड अपनाने वालों की है पहचान
जब ये बात लोगों को बताई गई तो पॉवरगंज मोहल्ले के प्रभावित लोगों ने कहा कि जो लोग इसका आज विरोध कर रहे हैं उन्हीं में से कुछ लोग बागेश्वरी गुमटी के पास आरओबी बनाने की मांग करते हुए आए हैं। लोगों ने अधिकारियों से कहा-ऐसे दोहरे मापदंड को अपनाने वाले लोगों को अच्छी तरह जानते हैं।
जल्द ही आयोजित होगा शिविर, लोग रख सकते हैं अपनी बात

यहां रही टीम के लोगों ने बताया कि जल्द ही इस क्षेत्र में शिविर आयोजित किया जाएगा। जिसमें लोग अपनी अपनी बातें खुलकर अधिकारियों के समक्ष रख सकते हैं। इस बात पर यहां मौजूद लोगों ने एकस्वर में कहा कि पुल तो यहीं पर बनना चाहिए। ये बात शिविर में रखेंगे। लोगों ने कहा आरओबी का जो संरेखण स्वीकृत किया गया है उसी अनुरूप पुल बनना चाहिए। एक रैयत(दुकानदार) ने अधिकारियों को बताया कि उनके हिस्से में मिली जमीन(12 फीट) अधिग्रहण की जा रही है तो उन्हें इस बात का गम नहीं। पुल यहीं से बनना चाहिए। कई और लोगों ने भी टीम के सामने दुकानदार की बातों का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री ने की थी आरओबी बनाए जाने की घोषणा, राशि भी स्वीकृत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब प्रगति यात्रा के क्रम में गया जी आए थे उन्होंने लोगों की मांग एवं आमजनमानस की परेशानियों को देखते हुए बागेश्वरी गुमटी पर आरओबी निर्माण कराए जाने की घोषणा के साथ करीब एक सौ करोड़ रुपए की राशि की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
जाम की समस्या से मिलेगी लोगों को मुक्ति
बागेश्वरी गुमटी के पास आरओबी के बन जाने से गया जी शहर की बहुत बड़ी जाम की समस्या से लोगों को सदा सदा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। आज गया- मानपुर- कोडरमा- किउल रेलखंड पर 24 घंटे में 35 से 40 जोड़ी पैसेंजर,एक्सप्रेस ट्रेन एवं मालगाड़ी ट्रेनें चलाई जाती है। जिसके कारण यह रेल फाटक अधिकांश समय बंद रहता है। जिससे आए दिन लाखों लोग और बड़ी आबादी इससे प्रभावित है। जाम की समस्या से हर दिल लोग दो चार हो रहे हैं। जाम में फंसे हुए लोग भी चाहते हैं कि यहां जल्द आरओबी बन जाना चाहिए। आपात स्थिति में बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाती है। स्कूली बच्चों के साथ कब घटना हो जाए कहा नहीं जा सकता है क्योंकि कृष नामक एक बालक सह छात्र की मौत हो चुकी है।
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