पितृपक्ष मेला की सुरक्षा को लेकर जिला आपदा विभाग मुस्तैद, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए SDRF टीम समेत स्थानीय तैराक भी रहेंगे सभी घाटों पर तैनात।

Deepak Kumar
3 Min Read

देवब्रत मंडल

17 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2024 को लेकर जिला आपदा विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा नीति तैयार कर ली है। पितृपक्ष मेला के अवसर पर लाखों लाख की संख्या में पिंडदानी गया जी आते हैं। चुकी यहां कर्मकांड पिंडदानी द्वारा फल्गु नदी/ विभिन्न तालाबो/ सरोवरों में किया जाता है। उनसभी सरोवरों एव नदी में उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि कोई अनहोनी या छोटी समस्या भी नही हो सके। आपदा विभाग के अनुसार मेला के सुरक्षा के लिए मोटर बोट्स, स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स, लाइफ गार्ड्स और लाइफ बॉय की व्यवस्था की गई है। पिछले वर्ष पितृपक्ष मेला के दौरान अनेको तीर्थयात्रियों की मदद की गई थी।

एसडीआरएफ की टीम रहेगी तैनात:

जिला आपदा विभाग के अंतर्गत कार्यरत SDRF टीम अपने 22 जवानों के साथ घाटों पर उपस्थित रहेगी। SDRF टीम की मौजूदगी से श्रद्धालुओं के द्वारा पिण्ड दान की क्रिया सुरक्षापूर्वक की जा सकेगी।

मोटर बोटस की भी व्यवस्था :

साथ ही श्रद्धालुओं के सुरक्षा हेतु 7 मोटर बोटस का प्रावधान किया गया है जिन्हें श्रद्धालुओं के पिण्ड दान करने के दौरान डूबने जैसे मामलों में ससमय सुरक्षा और जान बचाने में प्रयोग किया जाएगा। मोटर बोट्स का संचालन भी एसडीआरएफ टीम द्वारा ही किया जाएगा।

पर्याप्त संख्या में स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी रहेंगे सक्रिय :


आपदा विभाग के अनुसार SDRF टीम और मोटर बोट्स के अलावा डूबने जैसे छोटे बड़े मामलों में उनके साथ स्थानीय तैराक और मास्टर ट्रेनर्स भी किए जायेंगे तैनात। तैराकों को विभिन्न घाटों पर दो पाली में प्रतिदिन रहना होगा उपस्थित जिसकी पुष्टि पितृपक्ष मेला के नोडल पदाधिकारी द्वारा की जाएगी।
तैराकों की नियुक्ति देव घाट, सूर्य कुण्ड, सीता कुण्ड, बैतरणी सरोवर, ब्रह्मसत्त सरोवर, रुक्मिणी सरोवर, पिता महेश्वर सरोवर, रामशिला एवं प्रेतशिला पर की जाएगी। SDRF टीम के निदेशन में स्थानीय तैराकों एवं अन्य सुरक्षा सामग्री के द्वारा पितृपक्ष मेला के आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।
कोशिश है की जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा की गई बैठक के निर्देशानुसार इस विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला, जिसमें लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी आते हैं, उनके लिए आपदा प्रबंधन की कड़ी एवं क्विक रिस्पॉन्स टीम सक्रिय रहेगी एवं सेवा भाव से उनकी सुरक्षा का प्रावधान किया जाएगा।
डीएम गया डा० त्यागराजन एसएम ने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान आपदा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि सभी प्रमुख सरोवरों यथा सूर्यकुंड, अक्षयवट, राम कुंड, गया जी डैम जैसे गहरे पानी वाले स्थलों पर पर्याप्त नाव सहित टीम रख कर पूरी निगरानी रखे। कही कोई घटना होने पर तुरंत रेस्पांस दे। डीएम ने अपर समाहर्ता आपदा एव वरीय उप समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया है कि मेला के दौरान लगातार निगरानी रखे।

Share This Article
Follow:
Deepak Kumar – A dedicated journalist committed to truthful, unbiased, and impactful reporting. I am the Founder and Director of Magadh Live news website, where every piece of news is presented with accuracy and integrity. Our mission is to amplify the voice of the people and highlight crucial issues in society. "True Journalism, Unbiased News" – This is our core principle!
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *