वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के निर्देश पर गया जिले के स्लम एवं झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले वैसे बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने की पहल की जाने लगी है। ऐसे बच्चे जिन्हें शिक्षा लेने का अधिकार है, इसके तहत ऐसे बच्चे जिनका स्कूल में नामांकन नहीं है उन्हें चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। उनके आयु के अनुसार अनुरूप विद्यालय में उनका प्रवेश भी दिलाया जाएगा। यह कार्य जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा करवाया जाएगा। इसकी जानकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष मनोज कुमार तिवारी ने दी है।
उन्होंने बताया कि संविधान में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार के अंतर्गत प्राप्त है। उन्होंने कहा कि स्कूल अवधि के दौरान स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले बच्चों के साथ साथ स्लम एवं झुग्गी झोपड़ी बस्ती की पहचान कराई जा रही है। ऐसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा से दूर या वंचित हैं उन बच्चों की सूची बनाने का निर्देश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुकून कुमार मांझी को दिया गया है। इसी आलोक में उनका नामांकन करवाने के साथ-साथ सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ उन्हें दिलवाने की बात उन्होंने कही है।