दीपक कुमार
गया: गया जिला पुलिस और विशेष कार्य बल (STF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 8 वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली ब्रिजेश कुमार सिंह उर्फ ब्रिजेश सिंह उर्फ ब्रजेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी मंगलवार, 01 अप्रैल 2025 को शुरू हुई एक सिलसिलेवार कार्रवाई का परिणाम है, जिसमें दो अन्य नक्सलियों को पहले ही पकड़ा जा चुका था। गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएसपी सुनील पांडेय ने इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी साझा की।
डीएसपी पांडेय ने बताया कि 01 अप्रैल को गया पुलिस ने दो नक्सलियों, विक्रम कुमार उर्फ कैलु यादव और लाला शर्मा उर्फ लाल शर्मा, को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर खुफिया जानकारी मिली कि कोंच थाना क्षेत्र के डबुर गांव में कुख्यात नक्सली ब्रिजेश सिंह छिपा हुआ है। इसके बाद वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP), गया के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO), वजीरगंज के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में मुफस्सिल थानाध्यक्ष, अन्य पुलिसकर्मी और STF के जवान शामिल थे।
ऑपरेशन का विवरण
डीएसपी ने बताया कि विशेष टीम ने डबुर गांव में छापेमारी की, जहां ब्रिजेश सिंह पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करने लगा। सशस्त्र बलों की तत्परता से उसे धर दबोचा गया। पूछताछ में उसने अपना नाम ब्रिजेश कुमार सिंह, पिता स्वर्गीय नेमन सिंह, निवासी डबुर, थाना कोंच, जिला गया बताया।
अपराध का इतिहास
ब्रिजेश सिंह 2016 से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ मुफस्सिल थाना में दर्ज कांड संख्या 412/16 के तहत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है। यह मामला 05 सितंबर 2016 का है, जब नक्सलियों ने बुढ़ीपैमार नदी पर एक निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर हमला किया था। हमले में नक्सलियों ने कर्मचारियों के साथ मारपीट की, रुपये और मोबाइल लूटे, और लेवी न देने पर मशीनों में आग लगा दी थी। इस मामले में भादवि की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 386, 453, 379 के साथ-साथ यूएपी एक्ट और सीएलए एक्ट की धाराएं लगाई गई थीं। इस कांड में ब्रिजेश की संलिप्तता सामने आई थी, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचता रहा।
अन्य नक्सलियों पर कार्रवाई
डीएसपी पांडेय ने बताया कि इस मामले में पहले ही 8 अन्य नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। ब्रिजेश की गिरफ्तारी के साथ इस कांड के प्रमुख आरोपियों में से एक और सलाखों के पीछे पहुंच गया है। पुलिस अब उसके अपराधिक इतिहास की गहन जांच कर रही है और अन्य फरार नक्सलियों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी गई है।
डीएसपी ने यह भी घोषणा की कि इस सफल ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह गया पुलिस और STF की संयुक्त मेहनत का नतीजा है। हम नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”