गया डीएम ने जनता दरबार में दिए कड़े निर्देश, सरकारी जमीन की सुरक्षा और जन समस्याओं के समाधान पर जोर

गया, 19 जुलाई : गया जिले के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इस दरबार में लगभग 250 लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिन्हें डीएम ने गंभीरता से सुना और त्वरित समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
सरकारी जमीन की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में सरकारी जमीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “सरकारी जमीन की कहीं से भी अतिक्रमण की सूचना मिलते ही तुरंत जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।” यह निर्देश सरकारी संपत्ति के संरक्षण के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।
आवास योजनाओं का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना से संबंधित मामलों पर, डीएम ने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि वे सभी आवेदनों की शीघ्र जांच करें और पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ दिलाएं। यह कदम गरीब और जरूरतमंद लोगों को आवास सुविधा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
भूमि विवाद और अन्य मुद्दों का निपटारा:
भूमि विवाद, आपसी बंटवारा और अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर डीएम ने थाना और अनुमंडल स्तर पर हर शनिवार को जनता दरबार आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “इन दरबारों में दोनों पक्षों को बुलाकर मामलों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाए।”
परिमार्जन मामलों में तेजी:
जमीन से संबंधित परिमार्जन के मामलों में, डीएम ने संबंधित अंचलाधिकारियों और राजस्व पदाधिकारियों को लंबित आवेदनों के त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया।
ग्रामीणों और किसानों की सहायता:
डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रामीणों और किसानों को सरकारी प्रक्रियाओं में हर संभव मदद करें। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़े तो ग्रामीणों को आवेदन लिखवाने में मदद करें, ताकि किसी को बेवजह भटकना न पड़े।”
विशिष्ट मामलों पर कार्रवाई:
- मानपुर के नौरंगा पंचायत में नाला निर्माण की मांग पर डीएम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्थल निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।
- इमामगंज और बोधगया में आहर और पैन पर अतिक्रमण के मामलों में संबंधित अधिकारियों को नापी करवाकर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया।
डीएम ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि प्राप्त शिकायतों की जांच 7 दिनों के भीतर पूरी की जाए और दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व को थाना स्तर पर होने वाले जनता दरबारों की नियमित समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। इस जनता दरबार ने प्रशासन और जनता के बीच सीधे संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जिससे स्थानीय समस्याओं के त्वरित समाधान की उम्मीद बढ़ी है।