
वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल
गया नगर निगम में करीब छः महीने नई सरकार के गठन हो गए। छः महीने के भीतर निगम में कई बार तूफान आए। निगम का माहौल अशांत रहा। सशक्त स्थायी समिति के गठन से लेकर विभिन्न समिति, उपसमिति के गठन को लेकर हलचल मची। यह जब शांत हुआ तो आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। यह मामला जब ठंडा पड़ गया तो दो वार्ड में उपचुनाव को लेकर फिर एक बार हलचल पैदा हो गया। अब जबकि चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार का दौर है तो इन दो वार्डों में कुछ अधिक ही हलफल है। लेकिन शांति है। यह शांति किसी बड़े तूफान के तो संकेत नहीं है?
मगध लाइव के पास एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है, जिसे देख एक बड़े तूफान की आशंका बलवती दिख रही है। यह खबर आधिकारिक तौर पर पुष्टि होना बाकी है, पर विश्वसनीय स्रोत से मिल रही जानकारी के अनुसार खबर सत्य है। जिसका बहुत ही जल्द खुलासा हो सकता है। बात कहने की भी है और नहीं भी कहने की। पर बात सोलह आने सच है। जिसको लेकर पिछले कई सालों से प्रयास किया जाता रहा है और एक बार फिर उसी प्रयास को फलीभूत करने की मंशा है। बात चुनाव से ही संबंधित है। लेकिन, जिसकी बात हम कर रहे हैं, उसमें जीत हार हो चुकी है और उसी जीत हार के फासले इतने दूर हो चुके हैं कि बात भी अब काफी दूर तक चली गई है। शिकायत करने वाले नेताजी एक राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं। जो इस समय बिहार में विपक्ष की भूमिका में है। इस दल से जुड़े एक बड़े नेताजी अर्जी दाखिल कर चुके हैं जो अब गया जिले के एक शीर्ष अधिकारी के पास पहुंच गया है। मामला चुकी काफी बड़ा है तो इसके लिए बड़े स्तर पर ही जांच होनी है। जांच शुरू होने से लेकर इसे पूरा होने तक चुप रहने की बात है। लेकिन अधिकृत तौर पर वहीं सबकुछ मीडिया के सामने लाने वाले हैं, जिन्होंने अधिकारी तक शिकायत दर्ज कराई है। उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ही सभी मीडिया हाउस के सामने वो बात नेताजी रखने वाले हैं, जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में निगम के राजनीतिक प्याले में उठने वाले तूफान का इंतजार करना होगा।