देवब्रत मंडल

पितृपक्ष मेला 2024 के सफल आयोजन को लेकर जिलाधिकारी एक एक बिंदुओं पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। हालांकि विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू होना है लेकिन तैयारियां काफी पहले से शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को साथ लेकर लगातार निरीक्षण करते हुए उन्हें ससमय सारे टास्क पूरा करने का निर्देश जारी कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को विष्णुपद मंदिर से देवघाट को जाने वाली तंग गलियों में जर्जर मकानों को देखा और मौके पर ही सदर एसडीओ को निर्देश दिया कि जर्जर हालत में रहे मकान मालिक को नोटिस दें और इसे ध्वस्त करें। वहीं विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में तीर्थयात्रियों के दर्शन को लेकर सारी व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। भीड़ प्रबंधन से लेकर सोलह वेदी तक बिजली के पंखे लगाने तथा लगातार सफाई किए जाने की जरूरतों की ओर ध्यान रखने का निर्देश संबंधित अधिकारी व पदाधिकारी को दिया गया।
उन्होंने कहा कि देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूर्व में किए जा रहे तैयारियों का जायजा लिया गया है। विष्णुपद मंदिर प्रांगण, सोलह वेदी स्थल, गयाजी डैम, देवघाट, गजाधर घाट, निर्माणाधीन विष्णु पथ, शमशान घाट, सूर्यकुंड, ब्रह्मशत सरोवर, बैतरणी, गोदावरी सरोवर इत्यादि का निरीक्षण कर यात्रियों की सुविधा हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने विष्णुपद मंदिर पहुच कर जायजा लिया। इस वर्ष पहले मंदिर के गेट से मंदिर परिसर के साथ साथ सोलह वेदी के समीप तक नेट वाला कार्पेट लगाने को कहा। प्रवेश के दौरान गर्मी एव धूप से बचाव के लिए शेड के रूप में चांदनी लगाने के साथ ही सीलिंग पंखे की पूरी पूरा व्यवस्था रखने को कहा। डीएम ने कहा कि बिजली के शार्ट सर्किट नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। डीएम ने मंदिर प्रबंधन समिति एव नगर आयुक्त को कई आवश्यक निर्देश दिए।

इसके बाद मंदिर से देवघाट जाने वाले संकीर्ण गली में कुछ जर्जर भवनों को देखा। उन्होंने सदर अनुमण्डल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि संबंधित जर्जर भवनों के मालिकों को नोटिस भेजते हुए खाली करवाते हुए डिमोलिश करवाएं। संकीर्ण गलियों में नालियों की दुबारा सफाई करवाने को कहा। शमशान घाट के गेट पास नगर निगम की एक जर्जर भवन को भी डिमोलिश(ध्वस्त) करवाने को कहा।
गयाजी डैम के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि नदी के किनारा में जमे कचड़े को साफ कराएं ताकि समुचित रूप से पवित्र फल्गु नदी के सीढ़ियों तक पानी आ सके। ताकि यात्रियों को तर्पण करने में आसानी हो। अपर समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया कि नदी के दोनों साइड बैरिकेडिंग प्रॉपर मजबूती से करवाएं।