देवब्रत मंडल
नई दिल्ली, 03 अप्रैल 2025: रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब उनके खोए या गायब हुए मोबाइल फोन को ढूंढने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दूरसंचार विभाग के साथ साझेदारी की है। इस पहल के तहत आरपीएफ, दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल का उपयोग करेगा। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) में एक सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद इस योजना को पूरे भारत में लागू किया जा रहा है, जिससे देश भर के करोड़ों रेल यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
आसान प्रक्रिया से मिलेगा खोया फोन
रेल यात्रियों को अपने गुम हुए मोबाइल फोन की रिपोर्टिंग के लिए रेल मदद या हेल्पलाइन नंबर 139 पर संपर्क करने की सुविधा दी गई है। यदि यात्री प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं कराना चाहते, तो वे सीधे सीईआईआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस विकल्प को चुनने पर आरपीएफ की जोनल साइबर सेल शिकायत को पोर्टल पर अपलोड करेगी और आवश्यक विवरण भरने के बाद डिवाइस को ब्लॉक कर देगी।
यदि खोया हुआ फोन नई सिम के साथ सक्रिय पाया जाता है, तो वर्तमान उपयोगकर्ता को इसे निकटतम आरपीएफ पोस्ट पर लौटाने के लिए सूचित किया जाएगा। इसके बाद, फोन का असली मालिक संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर अपना डिवाइस वापस प्राप्त कर सकेगा। अनुपालन न होने की स्थिति में आरपीएफ एफआईआर दर्ज कर सकती है और मामला स्थानीय जिला पुलिस को सौंपा जा सकता है। रिकवरी के बाद, शिकायतकर्ता सीईआईआर पोर्टल के जरिए फोन को अनब्लॉक करने का अनुरोध कर सकता है, जिसमें जरूरत पड़ने पर आरपीएफ सहायता प्रदान करेगी।
डिजिटल तकनीक से मजबूत होगी रेलवे सुरक्षा

सीईआईआर पोर्टल के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव ने कहा, “दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर सीईआईआर पोर्टल को संचालित करना रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। डिजिटल तकनीक के उपयोग से हमारा उद्देश्य यात्रियों को उनके खोए हुए मोबाइल फोन वापस दिलाने के लिए एक पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली स्थापित करना है। यह पहल न केवल हमारी क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि रेल यात्रियों के बीच विश्वास भी मजबूत करेगी। हम यात्री संपत्ति की सुरक्षा और रेल नेटवर्क पर सुरक्षित यात्रा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
सीईआईआर पोर्टल: मोबाइल रिकवरी का नया हथियार
दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित सीईआईआर पोर्टल, खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और पुनर्प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली डिजिटल मंच है। यह पोर्टल डिवाइस के आईएमईआई नंबर के आधार पर फोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है, जिससे चोरी हुए उपकरणों का अवैध उपयोग और पुनर्विक्रय रुक सकेगा। साथ ही, उन्नत ट्रैकिंग तकनीक के जरिए खोए हुए फोन की तेजी से रिकवरी संभव हो सकेगी।
“ऑपरेशन अमानत” को मिलेगी नई ताकत
आरपीएफ लंबे समय से “ऑपरेशन अमानत” के तहत यात्रियों की खोई हुई संपत्ति को उनके मालिकों तक पहुंचाने का काम कर रही है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच आरपीएफ ने 84.03 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं को पुनर्प्राप्त कर 1.15 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ पहुंचाया। सीईआईआर पोर्टल के एकीकरण से इस अभियान को और मजबूती मिलने की उम्मीद है, खासकर मोबाइल फोन की रिकवरी के मामले में।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता ने दिखाई राह
मई 2024 में नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे में शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट में सीईआईआर पोर्टल की उपयोगिता साबित हुई। इस दौरान कई खोए हुए मोबाइल फोन सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त किए गए और चोरी में संलिप्त लोगों को पकड़ा गया। इस सफलता के बाद अब इस पहल को देशव्यापी स्तर पर लागू किया जा रहा है। आरपीएफ को विश्वास है कि यह कदम रेल यात्रियों के लिए उनके उपकरणों की सुरक्षा और तेज रिकवरी सुनिश्चित करेगा।
यात्रियों के लिए राहत भरा कदम
यह साझेदारी न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि रेल यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। आने वाले दिनों में यह योजना रेलवे नेटवर्क को और भी विश्वसनीय और यात्री-अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।