
राज्य के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक शिक्षा प्रणाली को चुस्त दुरुस्त करने को लेकर नित्य नए आदेश जारी कर रहे हैं। स्कूल टाइम में कोचिंग के संचालन पर रोक लगाने का आदेश इसके पहले भी जारी किया गया था लेकिन इसे अमल में लाने के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी कहीं न कहीं लापरवाही बरत रहे थे। ऐसे में श्री पाठक ने सख्ती से इसे लागू करने का निर्देश जारी किया। अब एक और नया निर्देश विद्यालय प्रधान के लिए मुसीबत बन सकती है, यदि वे इसका अनुपालन नहीं करते या कराते हैं। ऐसे में श्री पाठक के एक्शन से राज्य भर के शिक्षक टेंशन में हैं। पाठक आए दिन कोई न कोई नया फरमान जारी कर देते हैं जिससे शिक्षकों की चिंता पहले से अधिक बढ़ जाती है। अब शिक्षा विभाग में एक और नया फरमान जारी किया है जिसके मुताबिक अब अगर स्कूल में निरीक्षण के दौरान गंदगी मिली तो प्रधानाध्यापक के वेतन से पूरे स्कूल की साफ सफाई करवाई जाएगी।
दरअसल, बात है कि वैशाली जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी विद्यालय प्रधानाध्यापक को शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश का एक पत्र जारी किया है। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि विद्यालय के शौचालय और परिसर में गंदगी पाए जाने पर विद्यालय प्रधान के वेतन मद से राशि की कटौती कर साफ सफाई की जाएगी। वहीं छात्रों की उपस्थिति कम पाए जाने पर विद्यालय प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी।

श्री पाठक स्कूल से टीचर और अधिकारियों को सुधारने का मिशन शुरू कर चुके हैं। लगातार एक के बाद एक कड़े फैसले ले रहे हैं। बताया गया है कि यदि स्कूल के वॉशरूम और कैंपस में कहीं भी किसी प्रकार की कोई गंदगी पाई जाती है तो इसके लिए प्रिंसिपल खुद जिम्मेदार होंगे। कैंपस में गंदगी पाए जाने पर स्कूल प्रिंसिपल के वेतन से कटौती कर साफ सफाई करवाई जाएगी। इसके साथ ही साथ अगर स्कूल में स्टूडेंट की कमी नजर आए तो उसके लिए भी प्रिंसिपल पर एक्शन लिया जाएगा।
इधर, डीईओ ने यह भी कहा है कि विद्यालय में अगर कोई बेकार सामान पड़े हैं तो उसकी सूची बनाकर नीलामी प्रक्रिया शुरू करें और इसकी सूचना विभाग को दिया जाए। इसके साथ ही साथ क्लासरूम में पर्याप्त रोशनी और हवा के लिए बल्ब और पंखे लगाया जाए। इसके साथ ही साथ क्लास संचालन से संबंधित फोटोग्राफ एवं साफ सफाई से संबंधित फोटो ग्रुप पर भेजना सुनिश्चित करेंगे।