देवब्रत मंडल

पूर्व सूचना के अनुसार शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार स्थगित रहने के बाबजूद ज़िला पदाधिकारी के जनता दरबार में करीब एक सौ लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंच गए थे। ज़िला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने उपस्थित लगभग 100 व्यक्तियों के मामले को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को प्राप्त आवेदनों को जांच यथाशीघ्र कराते हुए जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आवेदकों के कई मामलों में जिला पदाधिकारी द्वारा जिले के वरीय पदाधिकारी यथा उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी संबंधित प्रखंड के नामित जिला स्तरीय पदाधिकारी आदि द्वारा मामले को जांच करने का भी जिम्मा दिया गया। जनता दरबार में कई व्यक्ति परिमार्जन के संबंध में आवेदन दिए। जिसपर जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी एवं राजस्व पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया कि परिमार्जन हेतु लंबित आवेदनों को तेजी से निष्पादन करें। जनता दरबार में जमीन से संबंधित आए मामलों में डीएम ने सभी अंचलाधिकारी को कहा कि ये आम जनता ज्यादातर गाँव के ही होते हैं और किसान होते है। इन्हें सरकारी कागजी प्रक्रिया के बारे में हर तरह से मदद करें। जरूरत पड़े तो ग्रामीणों की जो उनकी समस्या है, उसके आलोक में उन्हें आवेदन लिखवाने में मदद करें, किसी को बेवजह दौड़ना न पड़े इसका पूरा ख्याल रखें।

जनता दरबार में प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास योजना से संबंधित आए मामलों को जिला पदाधिकारी ने उपविकास आयुक्त को संबंधित आवेदनों को यथाशीघ्र जांच करते हुए पात्रता रखने वाले व्यक्तियों को प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ देने हेतु अग्रेतर कार्य करने का निर्देश दिया।
जनता दरबार में फिर कई व्यक्तियों ने भूमि विवाद, आपसी बंटवारा, अतिक्रमण, जमीन संबंधी दिक्कते आदि से संबंधित आवेदन दिए। इन सभी आवेदन के आलोक में जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी तथा थानाध्यक्ष एवं अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की अध्यक्षता में थाना स्तर एवं अनुमंडल स्तर पर हर शनिवार को आयोजित होने वाले जनता दरबार में दोनों पक्षों के व्यक्तियों को बुलाकर संबधित मामलों को प्राथमिकता देते हुए निराकरण कराने का निर्देश दिए। उन्होंने बताया जनता दरबार में जमीन से संबंधित अत्यधिक मामले को देखते हुए प्राप्त आवेदनों को सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता को निर्देश दिया कि आए आवेदनों को अच्छे तरीके से जांच करते हुए संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमानुसार उचित कार्रवाई करने हेतु आदेशित करें। इसके साथ ही प्राप्त कई आवेदनों के विरुद्ध वरीय पदाधिकारी नामित कर जांच हेतु निर्देशित किया। साथ ही जांच पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि प्राप्त आवेदन को अधिकतम 7 दिनों में जांच करते हुए दोषी कर्मी/ पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रेषित करे।