एसडीपीओ को पुलिस पिकेट चालू करने का दिया निर्देश

टिकारी संवाददाता: वर्ष 2014 में एक अनुसूचित जाति की हत्या और दबंगई का आरोप लगाकर गांव से इस वर्ग के सभी परिवार के पलायन कर जाने के बाद गांव में ओपी बनाने घोषणा अब साकार होता दिख रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कैबिनेट से ओपी बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। शुक्रवार को एसएसपी आशीष भारती स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ घटना पीड़ित गांव टिकारी प्रखंड के पूरा पहुंचे। जंहा संचालित मध्य विद्यालय के समीप ओपी के लिए प्रस्तावित स्थल का जायजा लिया। एसएसपी भारती ने पूर्व में संचालित पुलिस पिकेट को पुनह चालू करने का निर्देश एसडीपीओ गुलशन कुमार को दिया। साथ ही ओपी के लिए प्रस्तावित स्थल अनवाद बिहार सरकार के नाम से उपलब्ध भूखंड में से 60 डिसमिल भूमि में से ओपी के निर्माण के लिए सम्बन्धित विभाग को हस्तांतरित भूमि का सुरक्षा सहित अन्य दृष्टिकोण से निरीक्षण किया।

एसएसपी ने बताया कि पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा ओपी का भवन निर्माण के लिए पांच करोड़ की राशि का प्राविधान किया गया है जिसका निविदा भी प्रकाशित की जा चुकी है। ओपी का निर्माण हो जाने से अनुमण्डल क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल में लाभ मिलेगा। यंहा बता दें कि वर्ष 2014 में पैक्स चुनाव से पूर्व एक अनुसूचित जाति की हत्या के बाद घटना को राजनीतिक रंग दिया गया था। इसी कड़ी में गांव के लगभग 300 अनुसूचित जाति के परिवारों को उकसाकर घर छोड़कर गांव से पलायन कराकर सामाजिक माहौल को खराब कर दिया गया था। कई दिनों तक हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा के बीच जिला प्रशासन ने पलायन करने वालों को घर वापसी पर सुरक्षा का भरोसा देते हुए तत्काल गांव में पुलिस पिकेट की स्थापना की गई थी। जिसे बाद में हटा लिया गया था। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि ओपी बनने से आम लोगों को कोई लाभ नही मिलेगा। वल्कि लोकल पोलटिक्स में आम लोग झूठे मुकदमे का शिकार बनेंगे। बहरहाल स्थल निरीक्षण के दौरान एसएसपी के साथ एसडीपीओ, एसएचओ श्रीराम चौधरी सहित अन्य पुलिस अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।