गया नगर निगम: योजनाओं के चयन को लेकर अभियंताओं ने किया फोन तो भड़क उठे पार्षद, कहा-जनहित याचिका दायर करूंगा

Deepak Kumar
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वरीय संवाददाता देवब्रत मंडल

गया नगर निगम बोर्ड की बैठक मानसून सत्र में होने वाली है। इसके पहले वार्ड पार्षदों से संबंधित वार्ड के कनीय अभियंता पार्षदों से प्राथमिकता के आधार पर विकास की योजनाओं की सूची मांग रहे हैं। इस बीच कुछ पार्षद जब अभियंता से राशि की बात पूछ रहे हैं कि कितने की योजनाओं का चयन किया जाना है तो इस प्रश्न के जवाब सुनकर पार्षद भड़क उठे हैं। वार्ड नं 13 के पार्षद राहुल कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि उनके क्षेत्र के कनीय अभियंता देवनंदन प्रसाद ने उनसे 10 लाख रुपए तक की ही योजनाओं की सूची मांगा है। इस पर पार्षद ने अभियंता को स्पष्ट रूप से बता दिया कि उनके क्षेत्र में चंद्रशेखर जनता कॉलेज से लेकर तुतवाड़ी देवी स्थान मंदिर तक सड़क बिल्कुल ही सालों से जर्जर हालत में है। इसे बनवाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 2021 में ही एक डायरेक्शन पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन को भेजा गया था कि इस पथ का निर्माण कराना है। लेकिन अबतक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

तुतवाड़ी-सीएस जनता कॉलेज मार्ग

पार्षद राहुल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर लोक शिकायत निवारण अधिकारी भी इस सड़क के निर्माण को लेकर आवश्यक बताया, परंतु अबतक यह सड़क नहीं बन पाया। जबकि पितृपक्ष मेला सिर पर है। इस पथ से होकर पिंडदान करने वाले आवासन स्थल से लेकर रामशिला और प्रेतशिला जाने के लिए इस पथ पर ही आना जाना करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस 10 लाख रुपये खर्च कर योजना को क्रियान्वित करने की योजना बनाई जानी है, वो राशि उन्हें नहीं चाहिए। जब यह सड़क नहीं बन पाता है तो वे इसको लेकर जनहित याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ वार्डों में न्यून राशि और कई वार्डों में अधिक राशि से योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर पार्षदों से जो सूची मांगी जा रही है, उसमें काफी का अंतर है। ये पार्षदों को आपस में फुट डालने का एक कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। जिसका बोर्ड की बैठक में एकस्वर में विरोध किया जा सकता है।

वहीं वार्ड नं 39 के पार्षद संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके वार्ड के जेई धर्मेंद्र कुमार ने 10 लाख रुपए की योजनाओं की सूची तैयार कर मांगा तो उन्होंने बताया कि उनके वार्ड से ही मेला क्षेत्र आरंभ हो जाता है। उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपए खर्च कर यदि कोई योजना क्रियान्वयन के लिए पारित या स्वीकृति दी जाती है तो गलत होगा। यदि मेला अवधि में कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए नगर निगम के वे लोग जिम्मेदार होंगे जो इस प्रकार की योजनाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी बात है तो उन्हें लिखित रूप में दिया जाए कि उनके अलावा और किन किन वार्डों में कितनी कितनी राशि से योजनाओं का क्रियान्वयन किए जाने की बात है। यदि योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर राशि स्वीकृत करने की बात है तो इतनी कम राशि(10लाख रुपए) से उनके वार्ड में कोई आवश्यक या बड़ा कार्य नहीं हो सकता है। वहीं वार्ड नं 40 की पार्षद चंदू देवी का कहना है कि चिन्हित कर कुछ वार्ड पार्षदों के क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर जो राशि कम देने की बात की जा रही है। यह पूरी तरह से गलत है। यदि ऐसा होता है तो क्षेत्र की जनता के साथ आंदोलन करने को बाध्य होंगी।

इधर निगम एक वार्ड पार्षद अपना नाम सामने नहीं लाने की शर्त पर बताया कि कनीय अभियंताओं के साथ अनौपचारिक बैठक निगम में हुई थी। जिसमें अभियंताओं को विकास योजनाओं से संबंधित कार्यों की सूची मांगते हुए प्राक्कलन तैयार करने को मौखिक रूप से कहा गया है। सूत्रों की मानें तो वार्ड नं 13, 20, 21, 39, 40 और 41 में 10-10लाख रुपए की योजना चयनित कर प्राक्कलन तैयार करने की बात है।
जबकि वार्ड नं 7, 10, 11, 12, 14, 16, 17, 18, 19, 22, 23, 31, 33, 35, 37, 38 और 42 में 20-20लाख रुपए तथा शेष बचे 30 वार्डों में 50-50 लाख रुपए की योजनाओं को चयनित करने की बात है।

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