शहनाई की जगह मातम: बहन की शादी से एक दिन पहले भाई की आहर में मिली लाश

Deepak Kumar
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प्रतीकात्मक चित्र

गया (बिहार): जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर कितना क्षणभंगुर होता है, यह टिकारी के एक परिवार ने भरे मन से महसूस किया। जहां एक ओर घर में शहनाइयां बजने वाली थीं, वहीं दूसरी ओर नियति ने ऐसा करुण संगीत छेड़ा कि पूरा परिवार सन्न रह गया।

सोमवार की धुंधली सुबह, जब ग्रामीण अपने खेतों की ओर निकले, तो जमुआरा आहर के तट पर उन्हें एक ऐसा दृश्य दिखा जो किसी के भी दिल को दहला देने के लिए काफी था। पानी में तैरता एक निष्प्राण शरीर, जो कल तक जीवन से भरा-पूरा था। वह था 18 वर्षीय राजेश कुमार, जिसकी बहन क्रांति की डोली सजने वाली थी।

“राजेश मानसिक रूप से कमजोर था, लेकिन उसका मन साफ था,” एक पड़ोसी ने आंसू पोंछते हुए कहा। “उसकी यह स्थिति परिवार के लिए चिंता का विषय थी, पर किसने सोचा था कि वह इस तरह चला जाएगा। कल शाम से वो घर नहीं लौटा था। काश हमें पता होता कि वो कहां है।”

टिकारी के एसएचओ चंद्रशेखर कुमार ने गंभीर स्वर में कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम परिवार के साथ खड़े हैं और न्याय सुनिश्चित करेंगे।”

घर में जहां रंग-बिरंगी रोशनी होनी चाहिए थी, वहां अब मातम का अंधेरा छाया है। क्रांति, जिसे दुल्हन बनना था, अब भाई के शोक में डूबी है। उसकी आंखों में सजे सपने अब आंसुओं में बह गए हैं।

राजनंदन यादव, जो अपनी बेटी को विदा करने की तैयारी कर रहे थे, अब बेटे की अंतिम यात्रा की व्यवस्था में जुटे हैं।”पहले पत्नी गई, अब बेटा। क्या यही जीवन का सच है?” उन्होंने कहा, उनकी आवाज में दर्द की गहराई साफ झलक रही थी।

समुदाय ने एकजुटता दिखाते हुए परिवार को सांत्वना दी है। आमाकुआं पंचायत के मुखिया पुष्पेंद्र ठाकुर उर्फ रिंकू ठाकुर ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अतिरिक्त, पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत बीस हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता दी गई। लेकिन कोई भी राशि इस अपूरणीय क्षति की भरपाई नहीं कर सकती।

जैसे-जैसे सूरज ऊपर चढ़ता गया, वैसे-वैसे परिवार के सामने एक कठिन निर्णय था – क्या करें? क्या शादी को आगे बढ़ाया जाए या टाला जाए? जीवन की विडंबना यह है कि कभी-कभी खुशी और गम एक ही पल में साथ आ जाते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि जीवन कितना अनिश्चित है। जहां एक परिवार अपने प्रियजन को खो चुका है, वहीं पूरा गांव इस घटना से स्तब्ध है, यह सोचकर कि कल किसके साथ क्या हो सकता है। राजेश की मानसिक स्थिति इस दुखद घटना को और भी गहरा बना देती है, जो मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और समाज में इसकी समझ की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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Deepak Kumar – A dedicated journalist committed to truthful, unbiased, and impactful reporting. I am the Founder and Director of Magadh Live news website, where every piece of news is presented with accuracy and integrity. Our mission is to amplify the voice of the people and highlight crucial issues in society. "True Journalism, Unbiased News" – This is our core principle!
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